संघर्ष से सँवरता है जीवन

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संघर्ष से सँवरता है जीवन


प्रियंका पांडेय

मेरी जिंदगी उलझनों से भरी पड़ी थी ।घर की जिम्मेदारियां मानो मेरे ही ऊपर थी मेरे पापा जो कि एक किसान हैं और मेरी मां एक गृहिणी मेरी प्रारंभिक शिक्षा किसी अच्छे स्कूल में नहीं हुई गांव के एक साधारण से स्कूल में हुई । शहर की अपेक्षा गांव की पढ़ाई में काफी अंतर होता है । मैंने शुरू से ही किसी अच्छे संस्थान में पढ़ाई नहीं की फिर भी किसी तरह ग्रेजुएशन पूरा किया। मैंने कक्षा 9 वी से ग्रेजुएशन तक छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया ताकि मैं अपने छोटे भाई बहनों की फीस भर सकूं ।मेरे मन में यह बात थी कि मैंने अच्छे से पढ़ाई नहीं की लेकिन अपने भाई बहनों को किसी अच्छे स्कूल में पढ़ा सकूं। मेरी ग्रेजुएशन पूरी हो गई थी मेरे मन में यह भी था कि मैं भी अपनी पढ़ाई शुरू कर दूं लेकिन मुझे पत्रकारिता के क्षेत्र में जाना था और इसकी पढ़ाई की फीस बहुत महंगी थी । फिर एक दिन मुझे मेरा एक पुराना दोस्त मिला और उसने मुझे बीबीएयू यूनिवर्सिटी के बारे में बताया । बीबीएयू की फीस बहुत कम थी ।दाखिला लेने के लिए वर्ष 2018 में मैंने प्रवेश परीक्षा दिया लेकिन उसमें सफल ना हो सकी।मेरा मन उदास हो गया था ।मुझे यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि मैं क्या करूं कैसे अपने आप को किसी काबिल बनाऊ फिर मैंने हिम्मत नहीं हारी दोबारा 2019 में प्रवेश परीक्षा दिया और मैं उसमें सफल रही ।एडमिशन तो हो गया लेकिन घर की परेशानी अपने हालात पे रोना आ रहा था मैं बस यही सोच रही थी कि मेरे माता-पिता मेरे लिए कितनी मेहनत करते हैं । मेरे घर की स्थिति बेहद खराब है भाई-बहन दोनों पढ़ाई कर रहे हैं अब तो माता-पिता पर उनका भी खर्च आ गया मैंने भी दाखिला लेने के बाद ट्यूशन पढ़ाना बंद कर दिया। बस आशा है कि डिग्री मिलने के बाद एक अच्छी जॉब की ।ताकि मैं अपने परिवार को खुशियां दे सकूं ।एक नए जगह आने में मेरे मन में डर सा बना हुआ था कि मुझसे कोई अंग्रेजी में कुछ पूछ ना दे मैं ना बता पाऊं मेरी बेइज्जती हो क्योंकि मेरी पढ़ाई अच्छे जगह न होने के कारण मेरी अंग्रेजी बेहद खराब है । फिर भी मैं अपनी जगह से नहीं हटी और सभी बातों का सामना करते हुए मैं अपनी पढ़ाई कर रही हूं । यहां मुझे समझने वाले एक अध्यापक मिले जिनसे मैं प्रेरित हुई और मेरे मन में एक उत्साह जगा हिम्मत ना हारने की आगे बढ़ते रहने की कोशिश करते रहने की । उन्होंने मुझे सीखने का अवसर भी दिया आज मैं यहां कुछ सीख रही हूं दिन प्रतिदिन नई-नई चीजें सीखना यह मेरे जैसे ग्रामीण क्षेत्र की लड़की के लिए बहुत बड़ी बात है और मैं निरंतर प्रयास करती रहूंगी कि जीवन में सीखते रहूं और किसी काबिल बन सकूं ।

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