13 मई कोवेबिनार में 'सामुदायिक पत्रकारिता का अभिनव प्रयोग-खबर लहरिया' विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

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13 मई कोवेबिनार में सामुदायिक पत्रकारिता का अभिनव प्रयोग-खबर लहरिया विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

जयपुर। प्रतिष्ठित मीडिया जर्नल 'कम्युनिकेशन टुडे' की ऑनलाइन

की सीरीज में इस बार 'खबर लहरिया' पर चर्चा की जाएगी। 13 मई को दोपहर बाद साढ़े 4 बजे गूगल मीट प्लेटफॉर्म पर आयोजित होने वाली इस वेबिनार में 'सामुदायिक पत्रकारिता का अभिनव प्रयोग-खबर लहरिया' विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

'खबर लहरिया' दुनिया का एकमात्र ऐसा न्यूज नेटवर्क है, जिसे सिर्फ महिलाएं संचालित करती हैं। यह महिलाएं दलित, मुस्लिम आदिवासी और पिछड़ी माने जाने वाली जातियों से हैं। समूह में कोई आदिवासी तो कोई दलित है, लेकिन सभी महिलाएं एकजुट होकर पत्रकारिता करती हैं। अधिकतर महिलाओं के पास ज्यादा डिग्री या पढ़ा-लिखा होने के सर्टिफिकेट भी नहीं हैं। वे समाज के अनछुए मुद्दे, सरकार के वादे, भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, दलित-आदिवासियों से संबंधित विषय और गरीबों व महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को उठाती है।

साल 2002 में चित्रकूट में अखबार के तौर पर शुरू हुआ 'खबर लहरिया' अब पूरी तरह से डिजिटल फॉर्मेट में है। स्थानीय भाषाओं में शुरू किया गया यह सफर आज अंग्रेजी भाषा में भी खबरें उपलब्ध कराता है।

हाल ही 'खबर लहरिया' तब चर्चा में आया था, जब दलित महिलाओं के संघर्ष पर आधारित डॉक्यूमेंट्री 'राइटिंग विद फायर' को ऑस्कर पुरस्कारों में नॉमिनेशन मिला। हालांकि इस डॉक्यूमेंट्री को पुरस्कार नहीं मिला, लेकिन नामांकन तक पहुंचने से स्त्री-संघर्ष की अदम्य कहानी पूरी दुनिया तक पहुंच गई। 'खबर लहरिया' की संपादक मीरा देवी और इसे फिल्म के रूप में प्रस्तुत करने वाले निर्माता, निर्देशक रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष ने अपने इस प्रयास को 'जर्नलिज्म को पुनर्परिभाषित करने का एक विनम्र प्रयास' माना।

'कम्युनिकेशन टुडे' के संपादक डॉ. संजीव भानावत ने वेबिनार के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, ''न्यूज नेटवर्क 'खबर लहरिया' की अलग पहचान और इसकी लोकप्रियता के कारण 'कम्युनिकेशन टुडे' ने अपनी पचासवीं वेबिनार में इसे केंद्र में रखा है। स्थानीय भाषाओं में स्थानीय मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने के लिए स्थानीय महिलाओं को ही पत्रकारिता का प्रशिक्षण दे कर एक संस्था चलाने के इस मॉडल को दुनियाभर में सराहा गया है। 2009 में इसे संयुक्त राष्ट्र के यूनेस्को किंग सेजोंग पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। क्षेत्रीय मीडिया के इस अनूठे प्रयोग को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए 'कम्युनिकेशन टुडे' ने अपने वेबिनार के प्लेटफॉर्म पर 'खबर लहरिया' को लेकर गंभीर चर्चा करने का निर्णय किया है।''

'कम्युनिकेशन टुडे' की इस स्वर्ण जयंती वेबिनार में 'खबर लहरिया' की प्रबंध संपादक सुश्री मीरा देवी और मुख्य संवाददाता सुश्री गीता देवी अपनी संघर्ष यात्रा को साझा करेंगी। साथ ही 'सिने मीडिया अपडेट' के प्रधान संपादक श्याम माथुर और आईआईएमसी जम्मू कैम्पस के रीजनल डायरेक्टर राकेश गोस्वामी भी 'खबर लहरिया' के अब तक के सफर की चर्चा करेंगे।

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