इलाहाबाद विश्वविद्यालय में “प्रातिपदिकार्थसूत्रस्य भाषाशास्त्रीय विमर्श:” विषय पर व्याख्यान हुआ

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में  “प्रातिपदिकार्थसूत्रस्य भाषाशास्त्रीय विमर्श:” विषय पर व्याख्यान हुआ
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संस्कृत,पालि, प्राकृत एवं प्राच्यभाषा विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ऋषि व्याख्यानमाला के अन्तर्गत केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,नई दिल्ली के गंगानाथ झा परिसर के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार त्रिपाठी का “प्रातिपदिकार्थसूत्रस्य भाषाशास्त्रीय विमर्श:” विषय पर व्याख्यान हुआ ।

वैदिक काल रचित साहित्य में विज्ञान एवं गणित के अनेक प्रकार के सिद्धांत प्राप्त होते हैं जैसे दाशमिक प्रणाली आदि। पाणिनि, कात्यायन आचार्यों के द्वारा वर्णित व्याकरण को भाष्यकार पतंजलि ने व्याख्यायित करके व्याकरण को स्पष्टता प्रदान किया। भाषा का प्रत्येक अंश उसमें विद्यमान अर्थ का प्रतिपादन करती हैं। इसी प्रकार भाषागत शब्दों में क्रम भी अर्थ का वर्णन करता है और उससे विशिष्टता का बोध होता है।आगे आपने बताया कि माहेश्वर सूत्रों में प्रत्याहारों के द्वारा संपूर्ण संस्कृत व्याकरण तथा भाषागत शब्दों को अत्यंत संक्षिप्त करने का कार्य किया गया है। आगे वक्ता ने पाणिनि के सूत्र प्रातिपदिकार्थ लिङ्गपरिमाणवचनमात्रे प्रथमा पर व्याख्यान देते हुए उसके विभिन्न पक्षों को व्याख्यायित किया।




कार्यक्रम के प्रारंभ में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रयाग नारायण मिश्र के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया तत्पश्चात कार्यक्रम के समापन के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रयाग नारायण मिश्र ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा समस्त विश्व को पुरातन काल से ही आलोकित करती रही है तथा शास्त्रों के नवीन चिन्तन के लिए नवीन वर्तमानकालिक उदाहरणों पर आधारित ग्रन्थों के निर्माण की आवश्यकता है। तथा विभिन्न ज्ञानराशि का चिन्तन भी करना चाहिए। कार्यक्रम में स्वागत भाषण शोधार्थी प्रांजलि पाण्डेय तथा धन्यवाद ज्ञापन दीक्षा पाण्डेय ने किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग के शोधा मङ्लाचरण तथा छात्रा उमाकांत एवं रंजना के द्वारा लौकिक मङ्लाचरण किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन हर्षवर्धन पाण्डेय ने किया।

इस अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के आचार्यगण डॉ निरूपमा त्रिपाठी , डॉ विनोद कुमार , डॉ प्रचेतस्,डॉ तेज प्रकाश, डॉ सन्त प्रकाश तिवारी, डॉ भूपेंद्र बालखडे, डॉ सन्दीप यादव, डॉ अनिल कुमार, डॉ सतरुद्र प्रकाश, नन्दिनी रघुवंशी,डॉ. मीनाक्षी जोशी, डॉ कल्पना कुमारी, डॉ ललित कुमार,रश्मि यादव, डॉ रजनी गोस्वामी, अंकित मिश्र आदि प्राध्यापकगण एवं काफी संख्या में शोध छात्र एवं छात्राएं एवं विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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