शिवसेना को न माया मिली न राम
उद्धव ठाकरे शायद अपने निर्णय पर आज पछता रहे होंगे | संजय राउत का बडबोलापन न सिर्फ उनको बल्कि शिवसेना को भी जनता की नजर में खलनायक बना गया | शरद पवार...
उद्धव ठाकरे शायद अपने निर्णय पर आज पछता रहे होंगे | संजय राउत का बडबोलापन न सिर्फ उनको बल्कि शिवसेना को भी जनता की नजर में खलनायक बना गया | शरद पवार...
उद्धव ठाकरे शायद अपने निर्णय पर आज पछता रहे होंगे | संजय राउत का बडबोलापन न सिर्फ उनको बल्कि शिवसेना को भी जनता की नजर में खलनायक बना गया | शरद पवार ने एक मंझे हुए खिलाडी की तरह बाउंड्री वाल से बाहर की ओर रहते हुए कैच लपक कर न सिर्फ भाजपा को आउट किया बल्कि शिवसेना भी हिट विकेट का शिकार हो गयी |
राजनीति में मौके पर चौका लगाने की कहावत है और दो दिन पहले तक लगरहा था कि शिवसेना का दाव सही लग गया है और भाजपा बैक फूट पर आ गयी है | पर आधुनिक राजनीति के चाणक्य ने ऐसे ही ये पद हासिल नही किया है | पहले सरकार बनाने के दावे में देरी और राष्ट्रपति शासन का खौफ़ दोनों ही जब काम नहीं किया तो समय ख़राब कर लोगो को अनुमान ही लगाने नही दिया की अमित शाह के मन में क्या चल रहा है |
जब राज्यपाल ने शिवसेना को २४ घंटे का समय दिया तो लगा की अब इनकी सरकार बन जायेगी तो कही से उद्धव ठाकरे का राहुल गाँधी पर दिया बयान मीडिया में तैरने लगा | अब कूटनीति तो इसी को कहते है साहब और सिखाना है तो एक ही आधुनिक स्कूल है | पर उद्धव का दुर्भाग्य कि उन्होंने गलत आदमी से पंगा ले लिया |
एक तरह पवार और दूसरी तरफ शाह , एक सेर तो दूसरा सवा सेर , दोनों ही जानते है कि राजनीति में कोई आगे या पीछे नहीं होता सिर्फ सत्ता होती है और उसी से सब साधन आते है | अगर सत्ता नहीं है तो साधन भी ख़त्म हो जायेंगे | मौके पर चोट करते हुए शिवसेना को उसी के फार्मूला से पस्त करते हुए पवार ने ढाई -ढाई साल के मुख्यमंत्री की बात कर दो और कांग्रेस को पुरे पांच साल के लिए उप मुख्य मंत्री |
अब शिवसेना क्या करेगी ये तो वक्त ही बताएगा | पर अच्छे भले गठबंधन और विचारधारा के नदी पर एक ही तरह का गोता लगाने वाली शिवसेना -भाजपा से अलग होकर क्या कर पाएगी ये तो वक़्त ही बताएगा पर अभी के लिए तो अपनी कडवी दवा उसे खुद ही पीनी होगी | सरकार बन गयी तो दवा मीठी हो जायेगी न बनी तो स्वाद कसैला हो जाएगा |