भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के संविधान संशोधन की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने टाला।
सुप्रीमकोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के संविधान संशोधन की याचिका पर बुधवार की सुनवाई को टाल दिया हैं। कोर्ट ने कहा हैं कि वो अब जनवरी के तीसरे...


सुप्रीमकोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के संविधान संशोधन की याचिका पर बुधवार की सुनवाई को टाल दिया हैं। कोर्ट ने कहा हैं कि वो अब जनवरी के तीसरे...
सुप्रीमकोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के संविधान संशोधन की याचिका पर बुधवार की सुनवाई को टाल दिया हैं। कोर्ट ने कहा हैं कि वो अब जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा। साथ ही उन्होंने कहा तब तक़ बोर्ड प्रेसिडेंट सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अपने पद पर बने रहेंगे। ये दया याचिका कोर्ट में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने डाली थी।
सूत्रों के मुताबिक गांगुली एजीएम की अध्यक्षता कर सकते हैं। वे पिछले साल ही अक्टूबर में अपने-अपने पदों पर चुने गए। शाह और जॉर्ज का कार्यकाल कुछ महीने पहले ही खत्म हो चुका है। ये आज के डेवलपमेंट के बाद 24 दिसंबर को होने वाली एजीएम की अध्यक्षता भी कर सकते हैं गांगुली। इसी बीच शाह और जॉर्ज भी मौजूद रह सकते हैं।
संशोधन याचिका में कहाँ गया था कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पिछले साल हुई एजीएम में 9 अगस्त 2018 से लागू कूलिंग ऑफ पीरियड में जाने के नियम में संशोधन कर अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल को बढ़ाने की स्वीकृति दे दी थी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के संशोधन के मुताबिक, गांगुली और शाह पर कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाने का नियम तभी लागू होगा, जब वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में लगातार 6 साल काम पूरा कर लेते हैं। राज्य क्रिकेट संघ में किए गए कोई काम को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों के काम में नहीं जोड़ा जाएगा। गाँगुली सिर्फ नौ महीने के लिए चुने गए थे।
गाँगुली बंगाल क्रिकेट बोर्ड के 5 साल 3 महीने तक अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी कारण उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर 9 महीने के लिए चूना गया था। ऐसा हो सकता हैं कि कूलिंग ऑफ पीरियड नियम में छूट के बाद ही गांगुली और शाह अपने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर सकते हैं।
अदिती गुप्ता