ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने महामारी को लेकर भारत के आलोचकों पर साधा निशाना कही ये बात...

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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यू हेडन ने महामारी को लेकर भारत के आलोचकों पर साधा निशाना कही ये बात...
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देश में महामारी के संकट के बीच राजनीतिक गलियारों में विरोधाभास की प्रक्रिया बंद होने का नाम नहीं ले रही है। देश की राजधानी दिल्ली में संक्रमित की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण राज्य में ऑक्सीजन से लेकर वैक्सीनेशन को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने-सामने हो चुकी है।

इसी के साथ विदेशों में भी कई बड़ी हस्तियों और हजारों लोगों द्वारा लगातार भारत की आलोचना की जा रही है यहां की व्यवस्थाओं को कोसा जा रहा है, जिसको देखते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर हेडन ने उन सभी आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में किसी भी नीति को लागू करना आसान नहीं होता।

आपको बता दें कि क्रिकेटर हडेन ने एक अखबार में कहा कि भारत इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, इतनी खतरनाक हालत पहले कभी नहीं हुई। जहां भारत इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है तो वहीं मीडिया 140 करोड़ की जनसंख्या के इस देश की आलोचना करने में पीछे नहीं है, जबकि इतनी ज्यादा जनसंख्या वाले देश में कोई भी स्कीम लागू करना आसान नही होता है।

उन्होंने आगे कहा कि मैं लगभग एक दशक से भी ज्यादा समय भारत में रहा हूं और मैंने पूरा देश देखा है,खासतौर पर तमिलनाडु, जहां मेरा आध्यात्मिक घर है। और यहां के नेताओं तथा जनप्रतिनिधियों के लिए मेरे दिल में बहुत सम्मान की भावना है। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह इतनी विविधता भरा बड़ा देश चलाते हैं। जब भी वहां गया लोगों ने मुझे बहुत प्यार और अपनापन दिया, जिसके लिए मैं हमेशा उनका कर्जदार रहूंगा।

इतना ही नहीं उन्होंने लिखते हुए कहा कि मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं भारत को इस हद तक जानता हूं कि उसका दर्द समझ सकता हूं। लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने शायद वहां पर समय ही नहीं बताया हो और उस देश को समझाना हो।

इसीलिए वह आलोचना करने से नहीं थक रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि एक क्रिकेटर के तौर पर इस खेल के प्यार की वजह से मैं आइपीएल में हिस्सा लेने भारत आता रहा। आइपीएल में वर्षो से मेरे देश के कई खिलाड़ी खेल रहे हैं। ऐसे समय में जब लोग भारत के लिए दरवाजे बंद कर रहे हैं,और सरकार की आलोचना कर रहे हैं, मैं चाहता था कि भारत में रहते हुए अपने विचार सामने रखूं, जो मीलों दूर बैठे लोग नहीं जानते।

नेहा शाह

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