टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास, नहीं रहा खुशी का ठिकाना
भारतीय हॉकी के सुनहरे दिन लौटने लगे हैं। रविवार को पुरुष टीम ने तोक्योक ओलिंपिक के सेमीफाइनल में 49 साल बाद जगह बनाई और सोमवार को महिलाओं ने पहली बार...
भारतीय हॉकी के सुनहरे दिन लौटने लगे हैं। रविवार को पुरुष टीम ने तोक्योक ओलिंपिक के सेमीफाइनल में 49 साल बाद जगह बनाई और सोमवार को महिलाओं ने पहली बार...
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भारतीय हॉकी के सुनहरे दिन लौटने लगे हैं। रविवार को पुरुष टीम ने तोक्योक ओलिंपिक के सेमीफाइनल में 49 साल बाद जगह बनाई और सोमवार को महिलाओं ने पहली बार अंतिम चार में अपनी जगह पक्की की. भारतीय टीम ने गुरजीत कौर के 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर किए गए गोल की मदद से तीन बार की चैंपियन को मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया.
इस मुकाबले के पहले क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. दोनों ही टीमों ने गोल करने का 1-1 मौका गंवा दिया. मैच के दूसरे ही मिनट में ऑस्ट्रेलिया की फॉरवर्ड खिलाड़ी ने भारतीय गोल पर अटैक किया. हालांकि भारतीय डिफेंडर्स के आगे उनकी नहीं चली. भारत ने खेल के 9वें मिनट में गोल करने का मौका बनाया था, लेकिन रानी रामपाल चूक गईं. वंदना कटारिया के पास पर रानी ने स्ट्रोक लिया, लेकिन बॉल गोलपोस्ट से जाकर लगी. रानी रामपाल के इतिहास में जब पहली बार भारतीय महिला टीम सेमीफाइनल में पहुंची तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा. सभी खिलाड़ियों, कोच के खुशी के आंसू निकल आए लेकिन दूसरी तरफ चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के आंखों के आंसू थम नहीं रहे थे. महिला खिलाड़ी जोर जोर से चिल्ला रही थीं. चक दे इंडिया.