भारत के गोल्ड मेडलिस्ट प्रमोद भगत पर अचानक लगा 18 महीनों का बैन

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भारत के गोल्ड मेडलिस्ट प्रमोद भगत पर अचानक लगा 18 महीनों का बैन
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समर पैरालंपिक 2024 से पहले भारतीय बैडमिंटन स्टार प्रमोद भगत से जुड़ी एक बहुत ही बुरी खबर सामने आ रही है. टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले बैडमिंटन स्टार प्रमोद भगत को बैन कर दिया गया है, जिसके कारण अब वह पेरिस पैरालंपिक 2024 में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.

भारत के गोल्ड मेडलिस्ट प्रमोद भगत को पेरालंपिक 2024 से पहले एक बड़ा झटका लगा है. उन्हें डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण 18 महीनों का बैन लगा दिया गया है, जिसके चलते वह पैरालंपिक 2024 से बाहर हो गए हैं. बीडब्ल्यूएफ के अनुसार, प्रमोद भगत कई बार डोपिंग टेस्ट के लिए उपस्थित नहीं हुए. इस वजह से उन पर 18 महीने का प्रतिबंध लगाया गया है. यह प्रतिबंध 1 सितंबर, 2025 तक लागू रहेगा.

बीडब्ल्यूएफ की ओर से जारी कर दिए अपने बयान में कहा, 1 मार्च 2024 को, सीएएस एंटी-डोपिंग डिवीजन ने फैसला सुनाया है कि मिस्टर भगत ने बीडब्ल्यूएफ एंटी-डोपिंग नियमों के अनुच्छेद 2.4 (व्हेयरअबाउट्स) का उल्लंघन किया है. वह 12 महीनों के भीतर 3 बार 'व्हेयरअबाउट्स' में विफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 18 महीने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया. भगत ने इस फैसले के खिलाफ सीएएस डिवीजन में अपील की, लेकिन 29 जुलाई 2024 को अपील खारिज कर दी गई और पिछले फैसले को बरकरार रखा गया है.

प्रमोद भगत को 5 साल की उम्र में पोलियो हो गया था, जिससे उनके बायां पैर प्रभावित हुआ. मगर, प्रमोद ने हार नहीं मानी और पैरा बैडमिंटन में भारत का नाम रौशन किया. उन्होंने टोक्यो पैरलंपिक 2020 में मेन्स सिंगल्स एसएल 3 कैटिगरी में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से दर्ज करा दिया. प्रमोद पैरालंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले बैडमिंटन प्लेयर बने. आपको बता दें, एसएल3 कैटिगरी में सिर्फ वही खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिन्हें पैरों में मांसपेशियों से जुड़ी बीमारी होती है या उनका कोई अंग ही नहीं होता है.

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