9 साल में भारत का सबसे खराब वर्ल्ड कप - सुपर-12 में शुरू सुपर-12 में खत्म
India's worst World Cup in 9 years - Started in Super-12 and ended in Super-12


India's worst World Cup in 9 years - Started in Super-12 and ended in Super-12
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न्यूजीलैंड की अफगानिस्तान के खिलाफ जीत के साथ ही टीम इंडिया के सेमीफाइनल में क्वालिफाई करने का सपना टूट गया। NZ ने न सिर्फ मैच जीता बल्कि सेमीफाइनल का टिकट भी कटा लिया। पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए टीम को खिताबी जीत के लिए फेवरेट माना जा रहा था, लेकिन टीम का सफर सुपर-12 में शुरू होकर सुपर-12 तक ही सीमित रह गया। लगातार दो मैचों में मिली हार के साथ ही भारतीय टीम के ऊपर सेमीफाइनल से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा था। विराट एंड कंपनी ने अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड को हराकर आशा की एक किरण को जलाए रखा, लेकिन बात अब सिर्फ अपनी जीत की नहीं थी। टीम को NZ बनाम AFG मैच के नतीजे पर निर्भर रहना पड़ा। अब न्यूजीलैंड की जीत के बाद भारत की उम्मीदों को दीया भुज गया।
2009 में भी डिफेंड नहीं कर सके थे खिताब
साल 2009 में इंग्लैंड की सरजमीं पर टी-20 WC खेला गया था और भारतीय टीम डिफेंडिंग चैंपियन के तौर पर टूर्नामेंट में उतरी थी। वर्ल्ड कप में भारत को ग्रुप-ए में बांग्लादेश और आयरलैंड के साथ रखा गया था और भारत दोनों मैच जीतने में सफल रहा। BAN को टीम ने 25 रनों से हराया और IRE के खिलाफ 8 विकेट से जीत दर्ज की। इसके बाद सुपर-8 के मैचों में टीम के हाथों निराशा के अलावा कुछ नहीं लगा। धोनी की कप्तानी वाली टीम को सुपर-8 के तीनों मैचों में हार का मुंह देखने पड़ा। वेस्टइंडीज ने भारत को 7 विकेट, मेजबान इंग्लैंड ने 3 रन और साउथ अफ्रीका ने 12 रनों से हराया।
धोनी-शास्त्री और कोहली की जोड़ी फ्लॉप
वर्ल्ड कप से पहले BCCI ने बहुत ही उम्मीदों के साथ एमएस धोनी को टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में शामिल किया था। फैंस भी बड़ी आस लगाए बैठे थे कि धोनी-शास्त्री और कोहली की जोड़ी इस बार वर्ल्ड कप लेकर घर लौटेगी। मगर नतीजा हमारे सामने हैं। टूर्नामेंट जीतना तो दूर टीम अंतिम 4 में भी नहीं पहुंच सकी। कोहली की कप्तानी में भारत एक बार फिर से ICC की ट्रॉफी जीतने से वंचित रहा और शास्त्री भी अपने आखिरी इवेंट से खाली हाथ लौटे।