फ्रेंचाइजी लीग महिला क्रिकेट का भविष्य, प्राथमिकता देनी होगी नहीं तो विस्तार संभव नहीं
महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में महिला क्रिकेट के लिए वही करने की क्षमता है जो आईपीएल ने पुरुषों के खेल के लिए किया है। फ्रेंचाइजी लीग युवा...
महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में महिला क्रिकेट के लिए वही करने की क्षमता है जो आईपीएल ने पुरुषों के खेल के लिए किया है। फ्रेंचाइजी लीग युवा...
महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में महिला क्रिकेट के लिए वही करने की क्षमता है जो आईपीएल ने पुरुषों के खेल के लिए किया है। फ्रेंचाइजी लीग युवा खिलाड़ी को वो मंच देती है, जो शायद उस अपने करियर के शुरुआती दिनों में अन्य फॉर्मेट या मंच पर ना मिले। ना केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद बनाना बल्कि फ्रेंचाइजी लीग एक युवा क्रिकेटर के लिए बूस्टर डोज का काम करती है। हालांकि, इसकी शर्त यही है कि आपको अपने हुनर और मौके को सही समय पर साबित करना होगा।
फ्रेंचाइजी क्रिकेट ही महिला क्रिकेट का भविष्य है, ये मानना है पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी का, जो न केवल महिला क्रिकेट की दिग्गज गेंदबाज थीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की पहचान और पिछले दो साल से मुंबई इंडियंस की मेन्टॉर और गेंदबाज़ी कोच भी हैं। अपने लंबे और शानदार करियर के बाद झूलन भारत के लिए नए सूरमा तैयार कर रही हैं, जो आगे चलकर भारतीय महिला क्रिकेट की शान बनेंगे।
झूलन ने कहा कि अब समय आ गया है कि टी20 लीग को द्विपक्षीय सीरीज के ऊपर तरजीह दी जाए।
गोस्वामी के नाम भारतीय महिला वनडे में सर्वाधिक विकेट का रिकॉर्ड है और वह पिछले दो साल से महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में मुंबई इंडियंस की मेन्टॉर और गेंदबाजी कोच हैं। गोस्वामी अब महिला कैरेबियन प्रीमियर लीग में भी ट्रिनबागो नाइट राइडर्स के साथ बतौर कोचिंग स्टाफ जुडऩे वाली हैं।
गोस्वामी ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो के पावरप्ले पॉडकास्ट में क्रिकेट कैलेंडर को लेकर कहा कि ये महिला क्रिकेट के लिए बड़ी चुनौती है।
गोस्वामी ने कहा, पहले हम देखते थे कि ये चीजें पुरुष क्रिकेट में हुआ करती थी और तब सोचा भी नहीं था कि ऐसा कुछ महिला क्रिकेट में भी होगा। और अब जब ऐसा हो रहा है तो मैं खुश हूं। आईसीसी को भी इसका ध्यान रखना होगा, फ्रेंचाइजी क्रिकेट ही महिला क्रिकेट का भविष्य है और यही महिला क्रिकेट का वैश्विक तौर पर विस्तार करेगा। आपको सभी फ्रेंचाइजी लीग को प्राथमिकता देनी होगी नहीं तो फिर क्रिकेट का विस्तार संभव नहीं।
आप देखिए पिछले कुछ सालों में फ्रेंचाइजी क्रिकेट की बदौलत कितनी बेहतरीन क्रिकेटर सामने आईं हैं। फ्रेंचाइजी क्रिकेट ने हर साल बहुत सारे युवा खिलाडिय़ों को तराशा है, इसलिए आपको उन विंडो को प्राथमिकता देनी होगी और उसके बाद फिर आपको द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेलनी होंगी।