कोरोना से पीड़ितों को हराने के बाद निशानेबाज जावेद फोरोगी का चला ओलिम्पिक में जादू
पिछले एक साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही हैं। हर कोई इससे लड़ने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। हम सभी जानते हैं पिछ्ला कुछ समय पूरी...
पिछले एक साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही हैं। हर कोई इससे लड़ने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। हम सभी जानते हैं पिछ्ला कुछ समय पूरी...
पिछले एक साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही हैं। हर कोई इससे लड़ने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है। हम सभी जानते हैं पिछ्ला कुछ समय पूरी दुनिया के लिए मुश्किल भरा रहा है। क्योंकि इस महामारी ने लाखों लोगों को अपना निवाला बना लिया है। इतना ही नहीं लोगों का घरो से निकलना तक तौबा कर दिया है। कोरोना ने आम लोगों के साथ सिलेबस और यहाँ तक की खिलाड़ियों तक की ज़िन्दगी में गहरा प्रभाव डाला। इतना ही नहीं महामारी को देखते हुए कई बड़े-बड़े टूर्नामेंट भी रद्द कर दिए गए। जिसमें से एक टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) भी शामिल है। बता दे कोरोना के कारण टोक्यो ओलंपिक को भी 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। लेकिन इस बीच भी जहां खिलाड़ी सख्त प्रोटोकॉल के साथ ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हुए थे। वहीं भारतीय निशानेबाज टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों को छोड़कर लोगों की कोरोना से जान बचाने में जुटा हुआ था। लेकिन इसके बाद भी निशानेबाज ने कमाल करते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया। बता दे इस होनहार खिलाडी़ का नाम जावेद फोरोगी हैं।
ईरान के 10 मीटर एयर पिस्टल के ओलंपिक चैंपियन जावेद फोरोगी खुद को देश का सैनिक बताते हैं क्योंकि कोविड-19 के दोरान जब अन्य निशानेबाज ओलंपिक तैयारियों में जुटे थे तब वह अस्पताल में नर्स की अपनी भूमिका में व्यस्त थे। बता दे ये 41 साल के हैं और इन्होने शनिवार को 244.5 अंक के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड पदक जीता था। इस स्पर्धा में भारत के सौरभ चौधरी भी उतरे थे, लेकिन क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहने के बाद फाइनल में सातवें स्थान पर रहे थे। फोरोगी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मैं पिस्टल और राइफल में ईरान का पहला चैंपियन हूं।