दिल्ली सरकार की घर-घर राशन योजना पर केंद्र ने लगाया ब्रेक कहा- दिल्ली सरकार ने इस योजना की अनुमति केंद्र सरकार से नहीं ली....

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दिल्ली सरकार की घर-घर राशन योजना पर केंद्र ने लगाया ब्रेक कहा- दिल्ली सरकार ने इस योजना की अनुमति केंद्र सरकार से नहीं ली....

केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की आम आदमी पार्टी के बीच एक बार फिर टकराव का माहौल बन चुका है। केंद्र सरकार ने घर-घर राशन पहुंचाने वाली दिल्ली सरकार की योजना पर ठप्पा लगा दिया है। गौरतलब है कि मार्च के महीने में ही केंद्र सरकार ने इस योजना पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद अब दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी इस योजना पर पाबंदी लगा दी है।

उन्होंने कहा कि इस योजना को शुरू करने से पहले केंद्र सरकार की अनुमति नहीं ली गई थी। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की इस योजना को राजनीति से प्रेरित बताया।

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार घर-घर राशन योजना की तैयारी आज से नहीं बल्कि करीब 3 साल पहले से कर रही है। आम आदमी पार्टी सरकार की योजना के तहत 72 लाख लोगों को खाद और वितरण विभाग से मिलने वाला राशन उनके घर पर ही पहुंचाने की योजना बनाई गई थी।

जिसके बाद इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना रखा गया था।इस योजना के शुरू होते ही ठप्पा लगाने वाली केंद्र सरकार का कहना है कि राशन वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किया जाता है।

ऐसे में कोई राज्य इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकता। इस आपत्ति के बाद गत 25 मार्च को यह योजना रोक दी गई थी। इसके बाद इसका नाम घर-घर राशन कर दिया गया।

दिल्ली सरकार द्वारा संचालित की गई इस योजना के तहत प्रत्येक राशन लाभार्थी को 4 किलो गेहूं का आटा, 1 किलो चावल और चीनी घर पर प्राप्त होता। वर्तमान में 4 किलो गेहूं, 1 किलो चावल और चीनी उचित मूल्य की दुकानों से मिलता है।

योजना के तहत गेहूं के स्थान पर गेहूं का आटा दिया जाता और चावल को साफ करके पैकेट में दिया जाता। राशन डीलर खराब गुणवत्ता वाला राशन नहीं देता।

राशन की दुकानों के चक्कर नहीं लगाना पड़ता। केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन कार्ड योजना' को पूरा करती है यह योजना।

नेहा शाह

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