जिला विकास अधिकारी ने अकाउंटेंट की काली करतूतों पर पर्दा डालने के लिए चुनाव आयोग को बनाया हथियार

  • whatsapp
  • Telegram
जिला विकास अधिकारी ने अकाउंटेंट की काली करतूतों पर पर्दा डालने के लिए चुनाव आयोग को बनाया हथियार
X



फर्रुखाबाद। विकास भवन का का सबसे बड़ा निछावर खोर जिला विकास अधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय का एक शातिर लिपिक के तारतम्य के चलते शमशाबाद का अकाउंटेंट डेढ़ महीने से अपने कार्यालय कक्ष का ताला लगाकर गायब है और उस ताले और उसका चार्ज हस्तांतरण में विकास भवन के एक शातिर लिपिक डी डी ओ और वी डी ओ के पत्राचार के चलते चार्ज हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है, यह पहला ऐसा मौका है जब आदर्श चुनाव आचार संहिता की आड़ में बेईमानी और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है, और चुनाव आयोग जैसी पवित्र संस्था का भ्रष्टाचार में इस्तेमाल कर उसे अस्त्र बनाया जा रहा है।

विकास भवन का शातिर लिपिक और खंड विकास अधिकारी शमीम अशरफ ही सरकारी कार्यालय में ताला जड़बाए हुए हैं।

जिला विकास अधिकारी है जिसके पास तमाम भ्रष्टाचार और अपने ग्राम पंचायत अधिकारियों के विरुद्ध कदाचार की फाइलों है जिनको बह दबाए बैठा है क्योंकि जो जा जितनी लंबित होगी उसी में न्योछावर और नींद वसूली ज्यादा होगी सबसे खास जांच जिला कार्यक्रम अधिकारी भरत प्रसाद की है जिसमें भी लाखों का खेल हो रहा है और उस जांच का जिंन अभी भी बोतल में कैद है।

शमसाबाद के खंड विकास अधिकारी शमीम अशरफ स्थानांतरित लेखाकार धर्मंेद्र कुमार के पक्ष में आ गए हैं। उन्होंने जो स्पष्टीकरण का जवाब जिला विकास अधिकारी को भेजा है उससे कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। जबकि लेखाकार का तबादला डेढ़ माह पहले ही कर दिया गया है। इसके बाद भी उन्हें ब्लाक से कार्यमुक्त नहीं किया गया। यह लेखाकार कार्यालय कक्ष शमशाबाद में अपना हैरिसन लॉक बाला ताला लगाए हुए हैं जिससे कि सारे सरकारी दस्तावेज का कैद है

जिला विकास अधिकारी को भेजे गए जवाब में उन्होंने आदर्श चुनाव आचार संहिता को ढाल बनाते हुए पूरा बचाव किया है लेखाकार का तबादला चुनाव अधिसूचना से पहले ही हो चुका था।

सिर्फ चार्ज हस्तांतरण में कहां पर आचार सहिता आड़े आ गई,वी डी ओ शमशाबाद वही कर रहा है जिसका ब्लूप्रिंट बनाकर विकास भवन का लिपिक देता है उसी पर अपनी मुहर लगा देता है

जिला विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद लेखाकार धर्मेंद्र का तबादला करीब डेढ़ माह पहले कर दिया था। चार्ज हस्तांतरण को लेकर लेखाकार लगातार लापरवाह बने हैं। इसी को लेकर मामला चर्चा में आया तो जिला विकास अधिकारी ने बीडीओ का स्पष्टीकरण तलब कर लिया। बीडीओ ने स्पष्टीकरण का जवाब बड़े ही शातिराना अंदाज में दिया है।

उन्होंने अपने जवाब में कहा कि 6 जनवरी से 7 जनवरी को प्रदेश स्तर पर पीडीएस संवर्ग का अधिवेशन होने की वजह से वह लखनऊ अधिवेशन में भाग लेने गए थे। 8 जनवरी को निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी हो गयी और आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने से लेखाकार धर्मेंद्र कुमार को कार्यमुक्त नहीं किया जा सका। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यालय के लेखाकार सुनील कुमार कटियार लगातार उपस्थित न रहने के कारण मनरेगा आवास संबंधी सभी कार्य बाधित हो रहे थे। लेखाकार धर्मेंद्र कुमार की ओर से विकास खंड कार्यो के साथ पहले से ही ब्लाक कायमगंज में संबद्ध रहे हैं

बताते चलें कि विकास भवन के तिकड़म बाज अधिकारी और इस शातिर लिपिक का बर्दाश्त प्राप्त होने के कारण लेखाकार धर्मेंद्र का तबादला अधिसूचना से काफी पहले 23 दिसंबर को जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद कायमगंज ब्लाक के लिए किया गया था।

धर्मेंद्र ने किसी भी पत्रावली का चार्ज नहीं दिया और उल्टे सरकारी भवन में दो डबल लॉक लगा दिए हैं जिससे कि सुनील कुमार कटियार किसी भी प्रकार की पत्रावली को टच ना कर सकें और वह पुनः चुनाव के बाद फिर शमशाबाद में लूट और गोरख धंधा चला सके बताते चलें कि तकनीकी सहायकों ने जो मनमानी और घोटाले किए हैं उनका संरक्षण दाता सिर्फ धर्मेंद्र ही है जिसके पास वह काली करतूतों की फाइलें हैं , यदि उनका अध्ययन कर लिया जाए तो खंड विकास से लेकर विकास भवन के कई अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे होंगे।

Next Story
Share it