प्रेम है जीवन का आधार प्रेम से ही होता है भवसागर पार --- रामेंद्र दास

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प्रेम है जीवन का आधार प्रेम से ही होता है भवसागर पार --- रामेंद्र दास
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जगतापुर मलिहाबाद में सर्वजनिक रूप से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का वर्णन करते हुए राजेंद्र दास जी महाराज ने अपने मुखारविंद से कहते हैं की दुनिया में मानव जीवन का सबसे अमूल्य रस है तो वह प्रेम ही है प्रेम रस से ही शबरी के घर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जूठे बेर को खाया प्रेम रस में समाहित होकर मीरा ने अपना सारा जीवन प्रेम रस की भक्ति में विलीन कर दिया उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के चरणों में भक्त विलीन रही , प्रेम भक्तों पर ही भगवान ने ध्रुव को उद्धार किया और उनकी प्रेम भक्ति में प्रसन्न होकर स्वयं प्रकट होकर उन्हें दर्शन दिया इसलिए दुनिया में प्रेम ही एक अनन्य रस है जिसे मनुष्य प्राणी भवसागर को पार कर लेता है ।

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