राम कथा में मन न लगने पर व्यथा के लिये रहे तैयार -अंकुश जी महाराज
: हैदरगढ़ (बाराबंकी)। यदि रामकथा में आपका मन नहीं लगता, तो व्यथा झेलने के लिए तैयार रहें। राम चरित्र से भागेंगे, तो जीवन के काम आपको परेशान कर...


: हैदरगढ़ (बाराबंकी)। यदि रामकथा में आपका मन नहीं लगता, तो व्यथा झेलने के लिए तैयार रहें। राम चरित्र से भागेंगे, तो जीवन के काम आपको परेशान कर...
: हैदरगढ़ (बाराबंकी)।
यदि रामकथा में आपका मन नहीं लगता, तो व्यथा झेलने के लिए तैयार रहें। राम चरित्र से भागेंगे, तो जीवन के काम आपको परेशान कर देंगे।
उक्त उद्गार सराय गोपी गांव सभा के जगेसरगंज गांव में प्रधान जसवंत मौर्य तथा राम सागर मौर्य के आवास पर चल रही रामकथा के पहले दिन मंगलवार को व्रन्दावन धाम से पधारे अंकुश महाराज ने व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि राज्य के लिए विवाद करने वालों को महाराज भरत के चरित्र से शिक्षा लेनी चाहिए कि राज्य मिलने पर भी उन्होंने सिद्धांतों के चलते राजगद्दी ठुकरा दिया। भगवान राम के प्रति भाइयों के अगाध प्रेम से उन लोगों को शिक्षा लेनी चाहिए, जो थोड़े लाभ के लिए भाई के दुश्मन बन जाते हैं। रामचरितमानस के हर पात्र से हमें शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए, तभी रामकथा श्रवण की सार्थकता है। कथा के समापन पर आयोजक राम सागर मौर्य,सुखराम मौर्य ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। आज की कथा श्रवण में ब्लाक प्रमुख रामदेव सिंह प्रधान संघ अध्यक्ष हनुमान प्रसाद द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में धर्मानुरागी मौजूद रहे।