आउटसोर्सिंग कंपनियों से आए चिकित्सा कर्मियों को बकाया मानदेय के बजाय दिया गया कार्य से मुक्त होने का पत्र
सरोजनी नगर । राजधानी लखनऊ मे सोमवार को जहां सीएमओ लखनऊ ने इन कर्मियों से अपनी शिकायत लिखकर मिलने को कहा वहीं चिकित्सा अधीक्षक सरोजिनी नगर ने इन...


सरोजनी नगर । राजधानी लखनऊ मे सोमवार को जहां सीएमओ लखनऊ ने इन कर्मियों से अपनी शिकायत लिखकर मिलने को कहा वहीं चिकित्सा अधीक्षक सरोजिनी नगर ने इन...
सरोजनी नगर । राजधानी लखनऊ मे सोमवार को जहां सीएमओ लखनऊ ने इन कर्मियों से अपनी शिकायत लिखकर मिलने को कहा वहीं चिकित्सा अधीक्षक सरोजिनी नगर ने इन कर्मियों को थमाया कार्यमुक्त का पत्र
कोविड काल में चिकित्सा विभाग में आउटसोर्सिंग कंपनियों से रखे गए चिकित्सा कर्मचारियों ने जहां जान जोखिम में डालकर आम जनमानस को तत्परता पूर्वक चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई । वही उनके इस काम के एवज में मिलने वाला मानदेय अभी तक नहीं मिला । ऐसी ही कार्यदाई संस्थाओं अगर व वंशिका के द्वारा 1 वर्ष के लिए रखे गए कर्मचारियों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरोजिनी नगर में कार्यरत इन कर्मचारियों ने बताया था उन्हें दिसंबर 2021व जनवरी 2022 मार्च 2022 का मिलने वाला निर्धारित पारिश्रमिक नहीं दिया गया है जबकि हम लोगों को 18 मई 2021 में 1 वर्ष के लिए 18100 रुपये मासिक वेतन पर नियुक्त किया गया था । तब से हम लोग बराबर बिना किसी अवकाश के कार्य कर रहे हैं । उनकी इस समस्या को लखनऊ जनपद से प्रकाशित होने वाले आधा दर्जन से अधिक दैनिक समाचार पत्रों में प्रमुखता के साथ कई दिन प्रकाशित किया । सोमवार को इस संबंध में पत्रकारों द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से इस संबंध में जानकारी की गई ।
जिसमें उनके द्वारा कहा गया कर्मचारियों को फरवरी माह तक वेतन दे दिया गया है किंतु यदि ऐसे किसी कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है तो वह मुझसे मिलकर लिखित शिकायत करें मै जांच कर आवश्यक कार्यवाही करूंगा । वहीं सीएमओ लखनऊ से पत्रकारों द्वारा बात करने के कुछ समय बाद ही चिकित्सा अधीक्षक सरोजनी द्वारा इन कर्मियों को चिकित्सालय न आने की हिदायत देकर कार्य मुक्ति का पत्र दे दिया गया । अब गंभीर विषय यह है कि जहां कोविड-19 में लोगों के परिवारी जन इस गंभीर बीमारी के चलते एक दूसरे की मदद नहीं कर रहे थे वहीं इन कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सभी को चिकित्सा सेवा पहुंचाने में पूरा सहयोग दिया जो आज वह अपने द्वारा किए गए इस अथक परिश्रम के पारिश्रमिक से ही वंचित हो रहे हैं ।