पर्यावरण संरक्षण को लेकर लगाई गई रोक के बावजूद तहसील परिसर में जलाया गया कूड़ा
हैदर गढ़ बाराबंकी 1 मई जहां एक और न्यायालयो एवं सरकारो ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कूड़ा करकट जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है, वही तहसील परिसर...
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हैदर गढ़ बाराबंकी 1 मई जहां एक और न्यायालयो एवं सरकारो ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कूड़ा करकट जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है, वही तहसील परिसर...
हैदर गढ़ बाराबंकी 1 मई जहां एक और न्यायालयो एवं सरकारो ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कूड़ा करकट जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है, वही तहसील परिसर स्थित तहसीलदार आवास के पीछे साफ सफाई के नाम पर रविवार को अवकाश के दिन ढेर में लगाई गई आग पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकारों द्वारा की जा रही कोशिशों पर करारा तमाचा साबित हो रही है। सोमवार को जिलाधिकारी के तहसील के मुआयने की चर्चाओं के बीच तहसील परिसर में लगा राख का ढेर तमाम तरह की चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज रविवार का दिन होने की वजह से तहसील परिसर में सन्नाटा था इसी दौरान तहसीलदार आवास के निकट से धुआं उठते देखा गया जिसका किसी के द्वारा वीडियो बना लिया गया। 1 मिनट 28 सेकंड के इस वीडियो में तहसीलदार आवास के निकट एक बड़े ढेर से धुआं उठता दिखाई पड़ रहा है। जबकि पर्यावरण संरक्षण को लेकर किसी भी तरह का कूड़ा जलाने पर सरकारों व न्यायालयों ने सख्त रोक लगा रखी है। फिर किन परिस्थितियों में साफ सफाई के नाम पर एक बड़े से ढेर में अवकाश के दिन आग लगाई गई। इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सोमवार को तहसील के निरीक्षण के लिए जिलाधिकारी के आने की चर्चाओं के बीच लोगों का कहना है कि क्या वास्तव में साफ सफाई के बाद कूड़ा जलाया गया है या फिर कूड़े के नाम पर ऐसी फाइलों के ढेर में आग लगाई गई जो जिलाधिकारी के सामने पड़ने पर राजस्व प्रशासन को दिक्कत में डाल सकती थी। वही जब इस संबंध में तहसीलदार शशि कुमार त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तहसील परिसर की साफ सफाई कराई गई थी जिसके बाद सफाई करने वालों ने गलती से कूड़े के ढेर में आग लगा दी थी, परंतु जानकारी में आते ही मैंने आग बुझवा दी हैं।