सरकारी आवासों में अवैध कब्जा जमाए पुलिसवालों से होगी वसूली
*वेतन से वसूली के लिए पोस्टिंग वाले जिलों में एसएसपी को भेजेंगे पत्र**पुलिस अधीक्षक लाइन व एसीएम के नेतृत्व में खाली कराए जा रहे आवास*गोरखपुर। पुलिस...
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*वेतन से वसूली के लिए पोस्टिंग वाले जिलों में एसएसपी को भेजेंगे पत्र**पुलिस अधीक्षक लाइन व एसीएम के नेतृत्व में खाली कराए जा रहे आवास*गोरखपुर। पुलिस...
*वेतन से वसूली के लिए पोस्टिंग वाले जिलों में एसएसपी को भेजेंगे पत्र*
*पुलिस अधीक्षक लाइन व एसीएम के नेतृत्व में खाली कराए जा रहे आवास*
गोरखपुर। पुलिस जवानों द्वारा अवैध तरीके से पुलिस लाइन के सरकारी आवास में कब्जा जमाए आवासों को जल्द कराया जाएगा खाली पोस्टिंग वाले जिलों के एसपी व एसएसपी को लिखा जाएगा पत्र वसूल किया जायेगा किराया। पिछले तीन दिनों से अभियान चलाकर पुलिस लाइंस के सरकारी आवासों में वर्षों से अवैध कब्जा जमाए पुलिसकर्मियों से आवासों के खाली कराए जाने की प्रक्रिया जारी है। इधर कुछ पुलिसकर्मी शुक्रवार को एसएसपी दफ्तर पहुंचकर उनसे समय की गुहार लगाने लगे। जिसपर एसएसपी सख्त हो गए। जिसके बाद एसएसपी डॉ विपिन तांडा ने पुलिसकर्मियों से कहा कि तत्काल आवासों को खाली करें।
एसएसपी ने निर्देश जारी किया कि पुलिस लाइंस में अवैध कब्जा जमाए करीब 160 पुलिस कर्मियों के वेतन से जितने दिन वे सरकारी आवासों में कब्जा जमाए रहे उसके किराए की वसूली भी की जाए। इसके लिए उन्होंने बड़े बाबू से डेटा तैयार करने को कहा है कि किस पुलिसकर्मी का कितने रुपये हो रहे हैं। जिसके बाद एसएसपी एक पत्र उन जनपदों के पुलिस कप्तान को भेजेंगे जहां पर इन अवैध कब्जाधारी पुलिस कर्मियों की पोस्टिंग है।
एसएसपी ने बताया कि 160 पुलिसकर्मी वर्षों से यानि कोई 10 साल तो कोई 5 साल से पुलिस लाइंस के सरकारी आवासों में अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए हैं। उन्हें पिछले कुछ महीनों में चार बार आवास खाली करने के लिए नोटिस भी दिया जा चुका है। लेकिन फिर भी ये खाली नहीं कर रहे हैं और तरह तरह के बहाने बना रहे हैं। जिसके बाद अभियान चलाकर आवासों को खाली कराया जा रहा है। इन पुलिसकर्मियों में कुछ की पोस्टिंग गैर जनपद हो चुकी है तो कुछ रिटायर हो चुके हैं और कुछ मृतक आश्रित के रूप में दूसरे जनपदों में तैनात हैं। फिर भी उनका परिवार पुलिस लाइंस के सरकारी आवासों में काबिज है। इससे जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को या तो किराए पर बाहर रहना पड़ रहा है या फिर ब्लाक मुख्यालयों के सरकारी आवासों में रहना पड़ रहा है।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस लाइंस की तरह थानों के सरकारी आवासों को भी तबादला हो चुके पुलिसकर्मियों ने अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है। पुलिस लाइंस के आवास खाली कराने के बाद अभियान चलाकर थानों के आवासों को भी खाली कराया जाएगा। जिले के लगभग 28 थानों के 280 आवासों पर पुलिसकर्मियों का वर्षों से अवैध कब्जा है। उन्हें भी कई बार नोटिस दिया जा चुका है।
गोंडा में है पोस्टिंग रह रहे पुलिस लाइन के आवास में एक दीवान एसएसपी के पास आज पहुंचे। उन्होंने पत्र देकर 3 माह की मोहलत मांगी। पहले तो एसएसपी एक माह की मोहलत दे दी। लेकिन वे बार बार समस्या बताकर 3 माह की मोहलत देने को कहने लगे। जिसके बाद एसएसपी ने जमकर उन्हें लताड़ लगाई। एसएसपी ने जब पूछा कि कहां पोस्ट हो तो बताया कि गोंडा में है। दरअसल दीवान की पोस्टिंग पहले गोरखपुर में एक अधिकारी के कार्यालय में टेलीफोन ड्यूटी में थी। उनका परिवार पुलिसलाइंस के आवास में रहता था। 7 साल पूर्व उक्त दिवान तबादला बस्ती हो गया जो इस समय गोन्डा में तैनात हैं।
एसएसपी डॉ विनिन तांडा ने पुलिसकर्मियों के वेतन से वसूली कराने के निर्देश दिए हैं।
इसी तरह एक एसआई जो वर्तमान में जीआरपी बलिया में तैनात हैं वह भी मोहलत के लिए आए थे। उन्हें एसएसपी ने एक माह की मोहलत दी है आवास खाली करने के लिए। पहले उनकी पोस्टिंग गोरखपुर में ही थी।पुलिस लाइंस के आवासों को खाली कराने में एसीएम प्रथम विनय पांडेय और सीओ लाइन राहुल भाटी जुटे हैं। राहुल भाटी ने बताया कि तीन दिन में करीब 30 पुलिसकर्मी आवासों को खुद से खाली भी कर चुके हैं। एक सप्ताह तक यह अभियान चलेगा। वर्तमान में 160 अवैध कब्जाधारियों को चिन्हित किया गया है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में आवास खाली हो जाएंगे।