पुरस्कार पाकर बच्चों के खिल उठे चेहरे
लखनऊ। गीता परिवार के तत्वावधान में तीन दिवसीय संस्कार पथ शिविरों का आयोजन राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में किया जा रहा है। संस्कार पथ शिविरों में...
लखनऊ। गीता परिवार के तत्वावधान में तीन दिवसीय संस्कार पथ शिविरों का आयोजन राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में किया जा रहा है। संस्कार पथ शिविरों में...
लखनऊ। गीता परिवार के तत्वावधान में तीन दिवसीय संस्कार पथ शिविरों का आयोजन राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में किया जा रहा है। संस्कार पथ शिविरों में बच्चों के सर्वागीण व्यक्तित्व विकास के सभी आयामों शारीरिक, मानसिक, बौधिक एवं आध्यात्मिक विकास पर विशेष बल दिया गया। शारीरिक विकास के लिए योग, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, आसन एवं खेल, मानिसक विकास के लिए भारतीय संस्कृति से संबंधित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। भारतीय संस्कृति एवं विचारों से बच्चों को परिचित कराया गया।
शिविरों के समापन अवसर पर हनुमान मंदिर पार्क, शीतलखेड़ा में भगवद्गीता स्पर्धा में राधा, कृष्ण के नामों में अंजली, सर्वश्रेष्ठ शिविरार्थी में आदित्य, दिव्या, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, राजाजीपुरम में चित्रकला स्पर्धा में मानस शुक्ला, गीता श्लोक में धानी, बाबा परमहंस मन्दिर, टिकैतनगर में महिमा, राधिका, माही, गांधी पार्क, सुदर्शनपुरी ऐशबाग में शिवाक्ष प्रजापति, अनन्या, अनुष्का और टिकैतराय तालाब पार्क, सहादतगंज में रूही त्रिपाठी, आर्यन, निष्ठा विजयी रहे। इस मौके पर मुख्य अतिथियों में गीता परिवार के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. आशु गोयल, अनुराग पांडेय, हनुमान प्रसाद, ज्योति शुक्ला, उद्देश्य बाजपेयी उपस्थित थे। स्पर्धा के विजयी बच्चांे मुख्य अतिथियों पुरस्कृत किया। शिविर समापन पर अतिथियों बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में पढ़ाई और संस्कार दोनों बहुत जरूरी है दोनों में सामजस्य होना चाहिए क्योंकि अगर एक भी नहीं होगा तो हमारा कोई सम्मान नहीं करेगा। हमें खेलकूद की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करना चाहिए। सिर्फ मोबाइल फोन में ही खेल नहीं खेलना चाहिए। और समय का सदुपयोग करना चाहिए। तभी हम सभी बच्चे संस्कारवान बन सकते है।