कवि अपने रचनात्मकता से दिव्य चेतना को विकसित करता है ....

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कवि अपने रचनात्मकता से दिव्य चेतना को विकसित करता है ....
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क्रमश: दाए से प्रो. गोप बंधु मिश्र मिश्र, प्रो. हरिशंकर पांडेय, डा. गायत्री प्रसाद, प्रो. हरेराम त्रिपाठी, प्रो. कौशलेंद्र पांडेय, पं. ऋषि दिवेदी डा. दयानिधि मिश्रा. पो. उपेंद्र पांडेय व प्रो. विदेश्वरी प्रसाद मिश्रा

वाराणसी:कवि का मुख्य उद्देश्य मनुष्य में दिव्य चेतना को विकसित करना ही होता है। कवि यह कार्य अपने रचनात्मक पराक्रम से करता है। पं. विद्यानिवास मिश्र की पुण्यतिथि पर मंगलवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित पं. क्षेत्रेश चंद्र चट्टोपाध्याय स्मृति व्याख्यान में ये बातें सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. गोपबंधु मिश्र ने कही। विद्याश्री न्यास, श्रद्धानिधि न्यास एवं श्रमण विद्या संकाय के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित व्याख्यानमाला के विशिष्ट अतिथि संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व संकाय प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र ने कवियों से नित्य नूतन कविता गढ़ने की अपील की ताकि लोगों में रोचकता बनी रहे। अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने व्याख्यान के लिए कवि समय के प्रवाह की प्रशंसा की।

वहीं संस्कृत कवि-गोष्ठी में कौशलेन्द्र पाण्डेय, उपेन्द्र पाण्डेय,गायत्री प्रसाद पाण्डेय पवन कुमार शास्त्री चंद्रकांत ,विवेक कुमार पाण्डेय उमाकांत चतुर्वेदी कमला पांडे , कमलाकांत त्रिपाठी, धर्मदत्त चतुर्वेदी, विजय कुमार पाण्डेय, शिवराम शर्मा, सदाशिव कुमार द्विवेदी, मनुलता शर्मा आदि ने शाश्वत-सामयिक विविध विषयों को लेकर भावपूर्ण काव्य-पाठ किया। स्वागत विद्याश्री न्यास एवं श्रद्धानिधि न्यास के सचिव डा. दयानिधि मिश्र, • संचालन प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. हरिकिशेर पाण्डेय ने किया।

पं. ऋषि द्विवेदी को संस्कृत विद्या युवा प्रतिभा सम्मान .........

इस मौके पर प्रो. कौशलेंद्र पांडेय, प्रो. उपेंद्र पांडेय व डा. गायत्री प्रसाद पांडेय को क्रमश: वर्ष 2021, 2022 व 2023 के पं. रामरुचि त्रिपाठी संस्कृत कवि सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में इस वर्ष पं. ऋषि दिवेदी को संस्कृत विद्या युवा प्रतिभा सम्मान व उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के पुरस्कार के लिए चयनित किया गया , प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी, प्रो. धर्मदत चतुर्वेदी व प्रो. पवन कुमार शास्त्री को भी सम्मानित किया गया।

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