कोविड 19 काल में आउटसोर्सिंग कंपनियों से आए स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मिल रहा मानदेय

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सरोजनी नगर । कोविड-19 के दौर में जब पूरा प्रदेश इस महामारी से जकड़ा हुआ था और सरकारी चिकित्सालयों के स्वास्थ्य कर्मी समुचित तरीके से इलाज कर पाने में असमर्थ हो रहे थे । उस समय प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों जिनमें पैरा मेडिकल स्टाफ, डाटा एंट्री ऑपरेटर, सैंपल कलेक्टर, लैब टेक्नीशियन, ओटी टेक्निशियन, वार्ड बॉय, स्टाफ नर्स व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां आउटसोर्सिंग कंपनी – अगर व वंशिका के द्वारा की गई थी । जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी तत्परता के साथ आम जनमानस को स्वास्थ्य सेवाएं दी । ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य कर्मी सरोजिनी नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात हैं, जिनकी नियुक्ति आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा 18 मई 2021 को की गयी थी और तब से आज तक बराबर कार्यरत हैं । जिन्हे चिकित्सालय अधीक्षक द्वारा मार्च 2022 में उक्त कंपनियों का अनुबंध खत्म होने की बात बता कर उन्हें कार्यमुक्त होने का पत्र दे दिया गया जबकि 31 मार्च को स्वास्थ्य अधिकारियों की हुई बैठक में उनका कार्यकाल 1 माह के लिए बढ़ाने का निर्णय हुआ है । वहीं संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिदानंद मिश्र ने इन कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सालयों में खाली पदों पर नियुक्त किए जाने की बात भी कही है जिससे यह सब बेरोजगारी से बच सकते हैं । वहीं सीएचसी सरोजनी नगर में आउटसोर्सिंग से आए कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें माह दिसंबर 2021 व माह जनवरी 2022 का वेतन नहीं मिला फिर फरवरी माह का वेतन मिला व मार्च का भी बकाया है । इसके संबंध में इन लोगों ने अपने आउटसोर्सेस कंपनियों से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि आपके चिकित्सालय से आप लोगों की अटेंडेंस यहां पर नहीं प्राप्त हुई इस कारण आप लोगों को वेतन नहीं दिया गया । जबकि इन कर्मियों का कहना है कि इन्होंने चिकित्सालय में नियमित कार्य किया है, जिसकी इस चिकित्सालय में नियमित उपस्थिति दर्ज है । जहां कोरोना महामारी काल में इन स्वास्थ्य कर्मियों ने बिना अपनी जान की परवाह किए आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में सहयोग किया वही इन कर्मियों को वेतन न दिया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर शीघ्र उनके बकाया मानदेय वेतन का भुगतान नहीं हुआ तो वह प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मिलकर अपने साथ हो रहे अन्याय के लिए न्याय हेतु गुहार लगाएंगे ।

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