सिजेरियन ऑपरेशन के नाम पर प्रसव पीड़िता के पति से वसूला गया ₹5000

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सिजेरियन ऑपरेशन के नाम पर प्रसव पीड़िता के पति से वसूला गया ₹5000


हैदरगढ़ बाराबंकी।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़ में सीजेरियन आप्रेशन करने के नाम पर एक लेडी डाक्टर द्वारा प्रसव पीड़िता से रूपयो की वसूली करने का मामला प्रकाश में आया है। अस्पताल में जिस समय भ्रष्टाचार का यह खेल खेला जा रहा था उस समय बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मीटिंग हॉल में एएनएम के साथ बैठक कर रहे थे।

भ्रष्टाचार के इस खेल की जानकारी होने पर पूर्व ब्लाक प्रमुख व समाज सेविका रानी कनौजिया सीएमओं से भिड़ गई । जिसके बाद सीएमओं को जांचोंपरांत कार्यवाही का अश्वासन देना पड़ा।

जानकारी के मुताविक राम प्रसाद पुत्र विनोद कुमार निवासी रानीखेर मजरे टिकरा बीते मंगलवार को प्रसव पीड़िता पत्नी लक्ष्मी 26 वर्ष को लेकर सीएचसी हैदरगढ़ पहुंचा था। जहां पर अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने जांच पड़ताल करने के बाद बताया कि बच्चा नार्मल नही हो सकता। इसके लिए आप्रेशन करना पड़ेगा अथवा रेफर करना पड़ेगा।

गरीबी की मार झेल रहे राम प्रसाद ने अपनी मजबूरी को बयां करते अन्य जगह जाने से इंकार कर दिया। पीड़ित राम प्रसाद ने आगे बताया कि डाक्टर द्वारा बताया गया कि आप्रेशन यही हो जाएगा लेकिन 5 हजार रूपयों की व्यवस्था करनी पड़ेगी डाक्टर के अश्वासन के बाद पीड़ित घर पहुचा और किसी तरह रूपयों का इंतजाम कर सीएचसी आया, जिसके बाद प्रसव पीड़िता का अप्रेशन शुरू हुआ और कुछ देर बाद डाक्टरों द्वारा जानकारी दी गई की जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित है। जिसके बाद पीड़ित के चेहरे पर मुस्कान की किरणे दिखी और दो दिन रूकने के बाद वह अपनी पत्नी एवं बच्चे को लेकर सुरक्षित घर आ गया। सोमवार को रामप्रसाद अपनी पत्नी को लेकर टांका कटाने आया हुआ था। उस समय सीएमओं अस्पताल में एएनएम के साथ मीटिंग कर रहे थे। सीएमओं के आने की जानकारी के बाद पूर्व प्रमुख रानी कनौजिया भी पहुंच गई और सीएमओं के बाहर आने का इंतजार कर रही थी कि इसी बीच टांका कटाकर लक्ष्मी अपने पति के साथ बाहर आ रही थी पूर्व प्रमुख ने कुशल छेम पूछा तो पीड़ित ने आपनी आप बीती सुना डाली। जब डाक्टर पर लगाए गये आरोपो के बारे में समाज सेविका ने अस्पताल के अन्य स्टाफ से जानकारी की तो मामला पूरी तरह से सही निकला जिसके बाद पूर्व प्रमुख ने अस्पताल के डक्टरों पर नारजगी जाहिर करते हुए सीएमओं पर सवालो की झड़ी लगा दी। सीएमओं द्वारा पीड़ित का बयान लिया और पूंछ तांछ करने के बाद चिकित्सा अधीक्षक को पीड़ित को पैसा वापस दिलाए जाने की बात कही उन्होंने यह भी कहा कि उक्त मामले की जांच करायी जायेगी और दोषियों के विरूद्व कड़ी कार्यवाही भी कि जाएगी।

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