हिमाचल में मानसून से तबाही, 62 की मौत — सरकार ने FCA एक्ट में संशोधन की मांग उठाई
हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 42 लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं। भारी बारिश से कई लोगों के घर और...


हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 42 लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं। भारी बारिश से कई लोगों के घर और...
हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 42 लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं। भारी बारिश से कई लोगों के घर और जमीनें बह गई हैं। राज्य सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए केंद्र से Forest Conservation Act (FCA) 1980 में संशोधन की मांग की है, ताकि बेघर और भूमिहीन लोगों को वन भूमि पर रहने और खेती करने के लिए ज़मीन दी जा सके।
बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने शिमला में बताया कि 2023 और 2025 में आई प्राकृतिक आपदाओं ने राज्य को करीब 1000 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है। केंद्र सरकार से अभी तक कोई विशेष आपदा राहत पैकेज नहीं मिला है, जबकि गुजरात में पीड़ितों को दो-दो लाख रुपए की राहत दी गई थी।
राज्य सरकार ने 2023 में FCA में संशोधन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, लेकिन अब इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के आपदा राहत मैनुअल में भी संशोधन की आवश्यकता है, क्योंकि वर्तमान में मकान गिरने पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की सहायता राशि नाकाफी है।