राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने वाला पहला राज्य बना ,सरकार डॉक्टरों के बीच बनी सहमति
हफ्तों के विरोध के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के मुद्दे पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और राजस्थान सरकार के बीच एक समझौता हुआ जिससे इस तरह...


हफ्तों के विरोध के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के मुद्दे पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और राजस्थान सरकार के बीच एक समझौता हुआ जिससे इस तरह...
हफ्तों के विरोध के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के मुद्दे पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और राजस्थान सरकार के बीच एक समझौता हुआ जिससे इस तरह का बिल लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना राजस्थान |
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विटर पर जानकारी दी कि एक समझौता हो गया है और राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है
मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 4, 2023
मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।#RightToHealth
राज्यपाल के अनुमोदन के बाद विधेयक के संबंध में एक अधिकारी अधिसूचना भी जल्दी जारी की जाएगी सरकार और डॉक्टरों के बीच आठ प्रमुख मांगों पर सहमति बन गई है | समझौते के प्रमुख बिंदु हैं यह है कि निजी अस्पतालों में आरटीआई बिल पूरी तरह से लागू नहीं होगा|
एटीएस बिल निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पीपीपी मोड पर लागू होगा यह बिल सरकार ट्रस्ट अस्पतालों से रियायती दरों पर जमीन लेने वाले अस्पतालों पर लागू होगा इसके अलावा आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामलों को वापस लिया जाएगा ,फायर एनओसी को हर 5 साल में नवीनीकृत किया जाएगा ,आईएमए के 2 प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद नियमों में कोई भी बदलाव किया जाएगा, रियायती दरों पर बिल इंक्वायरी अधिनियम के बाहर भी रखा जाएगा |