डॉ. अंबेडकर की भूमिका को पूरी दुनिया ने सराहा: CJI गवई
उस्मानिया विश्वविद्यालय में आयोजित भारत के संविधान पर एक व्याख्यान में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने संविधान निर्माण...


उस्मानिया विश्वविद्यालय में आयोजित भारत के संविधान पर एक व्याख्यान में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने संविधान निर्माण...
उस्मानिया विश्वविद्यालय में आयोजित भारत के संविधान पर एक व्याख्यान में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने संविधान निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर के ऐतिहासिक योगदान की सराहना की।
उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर की भूमिका को पूरी दुनिया में सराहा गया है। विशेष रूप से अनुच्छेद 32 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने इसे संविधान की आत्मा कहा था, क्योंकि इसकी मदद से हर नागरिक सीधे सर्वोच्च न्यायालय जाकर अपने मूल अधिकारों की रक्षा कर सकता है।
प्रधान न्यायाधीश गवई ने यह भी कहा कि अंबेडकर को कई बार संविधान की प्रकृति को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत का संविधान ना पूरी तरह संघीय है और ना ही पूरी तरह एकात्मक। यह संविधान युद्ध और शांति दोनों समयों में देश को एकजुट रखेगा।