संजय राउत ने चालीस शिवसेना विधायकों को जिन्दा लाश बताया , उसका पोस्टमार्टम विधानसभा में करेंगे
नेता कुछ भी हो सकते है अब अपने महाराष्ट्र के बड़बोले नेता संजय राउत डॉक्टर हो गए है और उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों की नब्ज पकडे बिना उनको जिन्दा...
नेता कुछ भी हो सकते है अब अपने महाराष्ट्र के बड़बोले नेता संजय राउत डॉक्टर हो गए है और उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों की नब्ज पकडे बिना उनको जिन्दा...
नेता कुछ भी हो सकते है अब अपने महाराष्ट्र के बड़बोले नेता संजय राउत डॉक्टर हो गए है और उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों की नब्ज पकडे बिना उनको जिन्दा लाश बता दिया | अब वो यहाँ तक ही नहीं रुकें बल्कि उनके पोस्टमार्टम की भी इच्छा और तारीख बता दी | अब इनको कौन बताये की नाक पर बैठी मक्खी को तलवार से नहीं काटा जाता |
पर आजकल के बड़बोले नेताओं में शुमार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बिना सेफ्टी लॉक की बन्दूक बन गए है संजय राउत | वो कभी भी उल्टा अपने साहेब पर ही खतरा बन सकते है | अब उन्होंने बीजेपी से उद्धव का रिश्ता ख़राब कराया | हां ये कह सकते है की उन्होंने उद्धव को सपना दिखाया और महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री तो बना दिया पर उनको उन लोगो के साथ ले जा कर बैठा दिया जो शिवसेना की बेसिक सिद्धांतो के साथ फिट नहीं बैठते है |
अब एक न एक दिन तो विधायकों में बैचनी होनी थी क्योंकि वो हमेशा से बाला साहेब साहेब के उग्र हिंदुत्ववादी चेहरा थे | अब उनको उग्र कौन कहे हिन्दू भी कहने से लोगो ने किनारा कर लिया था | हाल में ही मुंबई और अन्य इलाकों में एक संप्रदाय विशेष के द्वारा की गयी हिंसा और उसमे हिन्दुओ को निशाना बनाने के बावजूद उद्धव सरकार अपने अजेंडे पर न आकर उनके मुख्यमंत्री के सपनो को ही आगे बढ़ा रही थी |
बालासाहेब ने कभी मुख्यमंत्री बनने के लिए समझौता नहीं किया पर उनके दौर का कोई भी मुख्यमंत्री मातोश्री को अनदेखा नहीं कर सकता था | आज संजय राउत ने मातोश्री के कद को अपनी महत्वाकांक्षा में जमीं पर ला दिया है | कोई नहीं सोच सकता था की कट्टर शिव सैनिक ही बालासाहेब के बेटे और उनके चहेते का पुतला फूकेंगे |
आज संजय राउत का पुतला फूंका गया है और कल उद्धव का हो सकता है और ये होने में सिर्फ और सिर्फ एक व्यक्ति है संजय राउत |
जिनके नाम से हलचल मच जाती थी उनके नाम का बटवारा शिवसेना की राजनीति को चौपट कर देगा | इन सबमे सबसे खुश शरद पवार होंगे क्योंकि वो बीजेपी के बाद स्वाभाविक रूप से विपक्ष बन जाएंगे और शिवसेना नंबर तीन या फिर और पीछे जा सकती है |