गंगा स्वच्छता का संदेश देने वाली नीलकंठ गंगा यात्रा पहुंची प्रयागराज
नीलकंठ गंगा परिक्रमा प्रयागराज पहुंच गई है। टीम के सदस्य 28 नवंबर को हनुमान मंदिर में कार्यक्रम का औपचारिक समापन करेंगे।नीलकंठ गंगा यात्रा के सदस्य...
नीलकंठ गंगा परिक्रमा प्रयागराज पहुंच गई है। टीम के सदस्य 28 नवंबर को हनुमान मंदिर में कार्यक्रम का औपचारिक समापन करेंगे।नीलकंठ गंगा यात्रा के सदस्य...
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नीलकंठ गंगा परिक्रमा प्रयागराज पहुंच गई है। टीम के सदस्य 28 नवंबर को हनुमान मंदिर में कार्यक्रम का औपचारिक समापन करेंगे।नीलकंठ गंगा यात्रा के सदस्य बांध रोड टी प्वाइंट पर सुबह 8.50 बजे एकत्रित होकर,बडे़ हनुमान जी मंदिर मार्ग की तरफ प्रस्थान करेंगे,जहां पर पूजा अर्चना का कार्यक्रम होगा..उसके बाद ये दल किला घाट पहुंचकर भव्य कार्यक्रम का आयोजन करेगा जिसमें श्री रामाशीष,गंगा समग्र समिति के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुख्य अतिथि होंगे.कार्यक्रम में श्री अभिलाषा गुप्ता मेयर प्रयागराज,ब्रिगेडियर के पी कृष्ण,एनसीसी,कमांडर चन्द्रशेखर आजाद और लेफ्टिनेंट कर्नल एक सिन्हा भी (रिटायर्ड)शिरकत करेंगे
राष्ट्रीय नदी गंगा को निर्मल व अविरल बहने के संदेश के साथ 16 दिसंबर 2020 को प्रयागराज से नीलकंठ गंगा परिक्रमा पद यात्रा की शुरुआत हुई थी।युवाओं को गंगा का सदा रहे साथ का संदेश देती इस जोड़ी ने एक दिन में 40 से अधिक किमी यात्रा तय करती हुई चली है। प्रयागराज से शुरू अनोखी पदयात्रा पहले गंगा सागर तक गयी जहां यज्ञ करते गोमुख से चली गंगा के वहां तक निर्मल, अविरल पहुंचने की प्रार्थना की गयी। यहां से बंगाल, झारखंड, बिहार, उप्र होते यात्रा गंगा के मायके उत्तराखंड तक पहुंची। उम्र को दर किनार करते दोनों ने भागीरथी को पार नही करने के संकल्प के चलते गंगनानी से हर्षिल तक की करीब 22 किमी की दुर्गम घाटी क्षेत्र को पार कर 16 मई को गंगोत्री तक पहुंचे। कोरोना के चलते यहां यात्रा स्थगित करनी पड़ी जो 18 सितम्बर को फिर से शुरू हुई। देवप्रयाग मे साढे 5 हजार किमी पूरी हुई। कर्नल पांडे के अनुसार यहां से बदरी केदार के पुराने पैदल मार्ग होकर 1100 किमी की शेष पद यात्रा ऋषिकेश हरिद्वार होते प्रयागराज में पूरी होगी। प्राचीन काल से अभी तक गंगा को पार किये बिना उसकी परिक्रमा का कोई उल्लेख नहीं मिलता है ऐसे में नीलकंठ गंगा परिक्रमा पदयात्रा के जरिये उस नये मार्ग की ऐतिहासिक खोज हुई है।यात्रा की शुरुआत प्रयागराज से दिसंबर 2020 में हुई थी। यात्रा में तमाम लोग शामिल हुए। एक हिस्से ने अपनी यात्रा कुछ महीने पहले पूरी की। उस वक्त बताया गया था कि कुछ साथी रास्ते में रह गए जो अभी यात्रा कर रहे हैं। यात्रा के ये सदस्य जो बुधवार को प्रयागराज पहुंचे उसी यात्रा में शामिल रहे हैं। इसमें गुजरात के रोहित उमराव, हिरण पटेल व उत्तराखंड के सेना के एक रिटायर्ड अफसर हैं। प्रयागराज आगमन पर जलयोद्धा आर्यशेखर ने उनका स्वागत किया। गंगा समग्र की ओर से 28 नवंबर को समापन कार्यक्रम रखा गया है। इस बीच यात्रा में शामिल लोग प्रयागराज में भी कार्यक्रम करेंगे। यात्रा के पहले चरण में लोगों ने प्रयागराज से गंगोत्री तक का सफर किया था और इसके बाद दूसरे चरण में प्रयागराज से गंगा सागर तक गए थे।