जन्मभूमि परिसर में राजा राम समेत परकोटे में विराजमान देवों की प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनेंगे सीएम

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जन्मभूमि परिसर में राजा राम समेत परकोटे में विराजमान देवों की प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बनेंगे सीएम
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5 जून 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम अयोध्या के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होने जा रहा है। इस दिन श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राजा राम और परकोटे में विराजमान अन्य देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होगा, जिसके साक्षी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। संयोगवश इसी दिन मुख्यमंत्री का‌ 53 वां जन्मदिन भी है और वह इस अवसर पर भगवान श्रीराम का आशीर्वाद लेंगे। अयोध्या में सरयू नदी के त्रयोदशी जन्मोत्सव की भी धूम है। मुख्यमंत्री के महोत्सव में पहुंचने की संभावना है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा समारोह सुबह 11 बजे से शुरू होगा। इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, हवन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देव विग्रहों की स्थापना होगी।

अयोध्या के संत-महंत इस आयोजन को ऐतिहासिक बता रहे हैं। 32 हजार करोड़ की परियोजनाओं से लौट रहा त्रेतायुगीन गौरव संत समुदाय का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण और अयोध्या के विकास के माध्यम से रामनगरी का खोया हुआ गौरव लौटाया है। पिछले आठ वर्षों में अयोध्या में 32 हजार करोड़ से अधिक विकास परियोजनाओं ने शहर को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दी है। सड़क, रेल, हवाई अड्डा, सौंदर्यीकरण, और पर्यटन से जुड़ी परियोजनाओं ने अयोध्या को विश्व नक्शे पर चमकदार बनाया है। रामकथा पार्क, सरयू तट का सौंदर्यीकरण, और आधुनिक सुविधाओं से युक्त मंदिर परिसर इसकी बानगी हैं।मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर अयोध्या में उत्साह का माहौल है। संत-महंतों ने योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में अयोध्या आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में उभरी है। सरयू त्रयोदशी जन्मोत्सव के अवसर पर नदी तट पर विशेष आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। प्रशासन ने इस भव्य आयोजन के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह दिन न केवल आध्यात्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बनेगा। ''योगी जी ने किया है अयोध्या के गौरव को फलक पर ले जाने का काम" अंजनी सेवा संस्थान के अध्यक्ष शशिकांत महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज ने ही प्रभु को टाट से निकाल भव्य मंदिर में विराजमान कराया है। 5 जून को एक बार फिर से राजा राम को प्रतिष्ठित करेंगे। तब वशिष्ठ जी ने राजतिलक किया था और अब योगी महाराज प्रभु राम का तिलक करेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या को विश्व फलक पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री ने बहुत मेहनत की है। पहले रात के समय नया घाट से लेकर गुप्तारघाट तक जाने में डर लगता था, लेकिन आठ वर्ष में स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। मुख्यमंत्री ने सत्ता में आते ही आरती घाट आदि की व्यवस्था सही कराई। उन्होंने दीपोत्सव के माध्यम से दुनिया को संदेश दे दिया कि राजा राम अब अयोध्या आने वाले हैं। इसके बाद मंदिर निर्माण हुआ और रामलला को विराजमान कराया। महाराज जी के गुरु महाराज भी राम मंदिर से जुड़े रहे। इसके साथ ही संपूर्ण अयोध्या का बहुमूल्य विकास कराया। महाराज जी राम की पैड़ी स्थित सरयू जयंती महोत्सव में पहुंचेंगे और कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। ''मुख्यमंत्री ने लौटा दिया अयोध्या का वैभव'' महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि मुख्यमंत्री राजा राम समेत अन्य देवों को प्रतिष्ठित करने आ रहे हैं। यह बहुत ही हर्ष का विषय है। खुशी की बात है कि एक संन्यासी ने प्रदेश के आध्यात्मिक मूल्यों को समझा और ऊर्जावान बना दिया। आज आजीविका के लिए अयोध्या के लोगों को बाहर जाना नहीं पड़ता।

यही लोग व्यवसाय कर रहे हैं। कोई प्रसाद का तो कोई फूल माला। बाहर से व्यापारी आकर होटल इत्यादि में पैसा लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का सांस्कृतिक, आर्थिक व आध्यात्मिक विकास किया है। आज गूगल पर अयोध्या सर्च कीजिये तो सबसे पहले दिपोत्सव की छवि बनकर आती है। डबल इंजन की सरकार में अयोध्या में नित्य महोत्सव, नित्य सुमंगल व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया की डबल इंजन की सरकार में अयोध्या में 'नित्य महोत्सव, नित्य सुमंगल' जैसा माहौल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी व्यवस्थाएं कर दी हैं कि व्यापार दिन दूना रात चौगनी तरक्की कर रहा है। मुख्यमंत्री प्राण प्रतिष्ठा के अलावा सरयू जन्मोत्सव और नगर निगम के दो वर्ष के पूरे कार्यकाल के आयोजित कार्यक्रम में भी जाएंगे।

हम उनका 53वां जनमदिन धूमधाम से मनाएंगे। गोरखनाथ मठ और योगी आदित्यनाथ की तीन पीढ़ियाँ राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं सीएम योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से संबंध केवल एक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक संत, राम भक्त और राम मंदिर आंदोलन के सक्रिय सहयोगी के रूप में है। उनकी नीतियाँ और कार्य अयोध्या को एक वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में केंद्रित हैं। गोरखनाथ मठ और योगी आदित्यनाथ की तीन पीढ़ियाँ राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से गहरा आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक संबंध है। उनका यह जुड़ाव व्यक्तिगत आस्था से लेकर पीढ़ियों से चले आ रहे राम मंदिर आंदोलन तक फैला हुआ है।

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