पराली बुझाने खेत के बीच पहुॅचे जिलाधिकारी

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पराली बुझाने खेत के बीच पहुॅचे जिलाधिकारी
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छठ पूजा पर्व के अवसर पर कानून एवं शांन्ति व्यवस्था तथा कोविड टीकाकरण कार्य का जायज़ा लेने के उद्देश्य से बुधवार की शाम तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) क्षेत्र के भ्रमण के दौरान गायघाट पहुॅचने पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने देखा कि एक कृषक अपने छोटे से खेत में फसल अवशेष जला रहा है। फसल अवशेष जलते हुए देखकर जिलाधिकारी ने तत्काल अपनी गाड़ी रूकवाई और उतरकर सीधे खेत के बीच पहुॅचकर स्वयं ही सम्बन्धित कृषक मनोहर पुत्र स्व. छोटकऊ तथा ग्रामवासियों के साथ जल रही पराली को बुझाने लगे।

पराली के बुझ जाने के बाद जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने कृषक से पूछा कि पराली क्यों जला रहे हो। खेतों में पराली जलाना कानून अपराध है इसके आपको अर्थ दण्ड के साथ सजा भी हो सकती है। इस पर किसान ने डीएम को बताया कि उसे पराली न जलाने के बारे में जानकारी नहीं थी। इस अवसर पर मौजूद ग्रामवासियों द्वारा भी जिलाधिकारी को बताया कि कृषक मनोहर काफी गरीब है। यदि उसे जानकारी होती तो वह इस प्रकार कृत्य न करता। डीएम ने कृषक सहित मौके पर मौजूद ग्रामवासियों को पराली न जलाने के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि फसल अवशेष के बेहतर निस्तारण से भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोत्तरी कर आय में इज़ाफा भी किया जा सकता है। मौके पर मौजूद सभी किसानों द्वारा भविष्य में पराली न जलाने का संकल्प भी लिया गया।

जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने उप जिलाधिकारी मिहींपुरवा (मोतीपुर) ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही व अन्य अधिकारियों को मौके पर बुलाकर ग्रामवासियों को पराली न जलाने के बारे में जागरूक कराया साथ ही पराली को सड़ाने में काम आने वाली दवा डी-कम्पोज़र का भी वितरण कराया।

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