नैतिक और ईमानदार व्यक्ति को वोट देकर सता तक पहुंचाए

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नैतिक और ईमानदार व्यक्ति को वोट देकर सता तक पहुंचाए
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यूपी की सत्ता में अपने अपने शासनकाल में समाजवादी पार्टी और मायावती ने जो जो गुनाह किया है।उसका बदला जनता लेकर रहेगी।मतदाता जात और बिरादरी के नाम पर उसे भूलने वाले नही है।मुलायम सिंह के कार्यकाल में यूपी में कानून के नाम पर गुंडागर्दी थी।बहनों और बेटीयो को शाम के समय बाहर निकलने नही दिया जाता था।अखिलेश यादव के शासनकाल में जनता त्राहिमाम थी।ये वोट मांगने वाले क्यो भूल जाते है कि यातनाओं से सुबह शुरू होती थी और यातनाओं से हो शाम होती थी।यूपी में 27 साल यूपी बेहाल का नारा भूल गए।योगी ने यूपी को नम्बर वन राज्य बनाने की घोषणा की है।हर बार अखिलेश विकास का समा बांधते है।लेकिन सूबे की जनता अंधी नही है।जो विकास किए होते तो पिछले चुनाव में राहुल और अखिलेश की जोड़ी क्यो बिखरती।जनता ने कांग्रेस और अखिलेश की खराब हालत क्यो की थी।उनको लग रहा था कि साइकिल पर कांग्रेस का पंजा मुसलमानों के बिखराव को रोक लेगा।लेकिन हुआ उल्टा।मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल को साइकिल से उतारा।राहुल ने यही सोचकर सवारी की थी कि काम बोलता है।इसके चलते पंजे का राजनीतिक सन्यास खत्म करा देंगे।अखिलेश का योगी पर कटाक्ष करते है।यूपी में विकास नही हुआ है तो लाखों घर गरीबो को आवंटित किए है।लोगो को हर महीने राशन सामग्री,पक्की सड़के और लखनऊ सहित यूपी के शहरों की जाहोजल्लाली दिख रही है।उसे क्या नाम दे।


बाते करना सरल है लेकिन जमीनी स्तर पर काम करना बहुत मुश्किल है।चिलचिलाती धूप में लोग पानी के लिए तरसते थे तब अखिलेश ने पानी की ट्रेन लेने के लिए मना कर दिया।लोग तो ठीक, लेकिन पशुओं की हालत भी दहनीय थी।पानी और चारा के लिए पशु दम तोड़ रहे थे।बुंदेलखंड जैसे अनेक जिलों की दहनीय स्थिति थी।सूखे के कारण जनता और पशुओं की हालत खराब थी।2016 में में पानी की ट्रेन को लेने से अखिलेश ने इंकार कर दिया।आज फिर से बड़ी बड़ी बातें करते अखिलेश वोट मांगने निकलकर जनता के दुःखों पर मरहम लगा रहे है।लेकिन यह आतताई चेहरा लोगो के जेहन में है।योगी ने विकास की किरण दिखाई है वह अभिव्यक्ति है।जो जनता के साथ होगा।उसी को जनता अपनाएगी।

*कांतिलाल मांडोत *

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