नववर्ष में रवीन्द्र कुमार राजेश 'सहित सम्मानित हुए साहित्यकार
झूम के आया नया साल बधाई 'बाँके' खुश रहे देश के कगाल बधाई 'बाँके' साल पिछले कोरोना दस ओमी कान ने किया बेहाल बधाई 'बाँके' बोटियाँ नोच ली इस साल की...

झूम के आया नया साल बधाई 'बाँके' खुश रहे देश के कगाल बधाई 'बाँके' साल पिछले कोरोना दस ओमी कान ने किया बेहाल बधाई 'बाँके' बोटियाँ नोच ली इस साल की...
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- Ravindra kumar Rajesh
झूम के आया नया साल बधाई 'बाँके' खुश रहे देश के कगाल बधाई 'बाँके' साल पिछले कोरोना दस ओमी कान ने किया बेहाल बधाई 'बाँके' बोटियाँ नोच ली इस साल की मेहगाई ने, सिर्फ हड्डयों पर है बची खाल बधाई बाँके दो हज़ार बाईस में कोई चाँद न रहे गंजी फिर उसे सर पर नये बाल बधाई बाँके आ गया वक्त चराई के उठ रहे ठेके, फिर पकेगी क्या नई दाल बधाई 'बाँके' | चुनावो की मारामारी अभी बाकी है सतर्क रहना महामारी अभी बाकी है। कौन कब किसको कहाँ इस ले? पार्टियों में राद्रदारी अभी बाकी है।" नशा उत्तर गया खुमार अभी बाकी है। जिन्दगी की बहार अभी बाकी है। आज के दौर में जिये तो कैसे जिये, डेल्टा प्लस वैरिएट की धार अभी बाकी है। ठहाका श्री अनिल बाँके हैयहयवंशी की हास्य कविता सुन कर श्रोताओं ने ठहाके लगाये काव्य गोष्ठी एवं सम्मान का आयोजन पदमा कुटीर अलीगंज में किया गया। बरेली के 89 वर्षीय नवजात गीतकार रवीन्द्र कुमार राजेश जो 25 वर्षो से भुशुण्डि साहित्य संस्थान के भूतपूर्व अध्यक्ष रहे,उनका सम्मान हास्य कवि अनिल 'बाँके' (संस्थापक महासचिव) ने "साहित्य भुशुण्ड शिखर सम्मान 2022 समर्पित किया। राजेश जी ने सुनाया "झूठ दे सच की गवाही क्या गज़ब है? चोर का साथी सिपाही क्या गजब है?
इसके साथ ही साहित्यकार श्री नारायण शुक्ल को साहित्य भुशुण्डि व्यग्य रत्न से, श्रीमती पदमा सक्सेना को साहित्य भुशुण्डि भजन रत्न सम्मान से, डॉ दिनेश चन्द्र अवस्थी लखीमपुर को साहित्य भुशुण्डि हास्य व्यंग्य रत्न सम्मान एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप खंडेलवाल को साहित्य भुशुण्डि पत्रकार सम्मान रत्न से सम्मानित किया गया रालामऊ के कवि केदारनाथ शुक्ल अपनी व्यंग्य रचनाओं से हँसाया "नये वर्ष पर कर रहा स्वागत ओमिक्रोन, बदल गई आज कल योगी जी को टोन ।।" डॉ दिनेश चन्द्र अवस्थी ने नेताओं की फितरत दोहे से बतायी बड़े बड़े नेता सभी होते जैसे पेड़। जुड़ी रहे अन्दर जड़े ऊपर मुठभेड़ "सीतापुर के कमलेश मौर्य 'मृदु ने सुनाया तो श्रोता अपनी हँसी रोक न सके | "अब न चीन से, न पाकिस्तान से डर लगता है। हमें तो बस ओमीक़ोन से डर लगता है।





