राम मंदिर पर पुनर्विचार याचिका को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड में दो फाड़
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर निर्णय देने के बाद से ही देश के मुसलमानों में 2 वर्ग हो गए हैं जिनमें से एक चाहता है कि इस निर्णय के खिलाफ...
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर निर्णय देने के बाद से ही देश के मुसलमानों में 2 वर्ग हो गए हैं जिनमें से एक चाहता है कि इस निर्णय के खिलाफ...
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर निर्णय देने के बाद से ही देश के मुसलमानों में 2 वर्ग हो गए हैं जिनमें से एक चाहता है कि इस निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर किया जाए वही दूसरा पक्ष कह रहा है कि इतने दिनों के बाद देश में शांति और जीने का अधिकार मिला है उसको खत्म न किया जाए।
पर मुसलमानों में कुछ ऐसे लोग हैं जो इस मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं जिससे उनकी दुकान चलती रहे इस बात को दूसरे पक्ष के लोग भली-भांति समझ रहे हैं कि कुछ लोग अपनी दुकान चलाने के लिए अपनी राजनीति चमकाने के लिए राम मंदिर मुद्दा जीवित रखना चाहते हैं।
भारत के ज्यादातर मुसलमानों ने राम मंदिर मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त कर दी है और देश में चारों तरफ जो शांति है उससे यही प्रतीत होता है कि कोई भी नागरिक किसी भी तरह की अशांति नहीं जाता है और खून खराबा जब होगा तो उसमें सबसे ज्यादा नुकसान आम आदमी का होता है।
वह नेता जो आज अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करते हैं आने वाली पीढ़ियां उनको माफ नहीं करेंगे अगर इस मुद्दे को लेकर कहीं कोई भी अपनी जान गवा देता है।