अब पेगासस पर केस चलाने की मिली मंजूरी, WhatsApp के जरिए लोगों की जासूसी…
. WhatsApp का आरोप है Pegasus ने ऐप की खामी का फायदा उठाकर लोगों के फोन में स्पाई या जासूसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया. अब पेगासस बनाने वाली...
. WhatsApp का आरोप है Pegasus ने ऐप की खामी का फायदा उठाकर लोगों के फोन में स्पाई या जासूसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया. अब पेगासस बनाने वाली...
. WhatsApp का आरोप है Pegasus ने ऐप की खामी का फायदा उठाकर लोगों के फोन में स्पाई या जासूसी सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया. अब पेगासस बनाने वाली इजरायली कंपनी NSO Group पर केस चलेगा. इसकी मंजूरी अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है.
NSO Group पर आरोप है कि इसने WhatsApp के जरिए पेगासस इंस्टॉल कर लोगों पर नजर रखी
इसमें पत्रकार समेत दूसरे लोग शामिल थे. इससे 1400 लोगों की जासूसी की गई. अब इसे बनाने वाली इजरायली जासूसी कंपनी NSO Group की मुसीबत बढ़ने वाली है. कुछ समय पहले Pegasus स्पाईवेयर काफी विवादों में रहा है.
इस पर Meta के इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp ने केस दायर किया था. WhatsApp का आरोप है. इसमें ह्यूमन राइट एक्टिवि, जर्नलिस्ट, और दूसरे लोग शामिल हैं. जिसे अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है.
न्यायधीशों ने निचली अदालत के फैसले पर NSO Group की अपील को खारिज कर दिया. Pegasus केस में WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta की बड़ी जीत हुई है. मेटा WhatsApp और फेसबुक दोनों की पैरेंट कंपनी है. अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का मेटा ने स्वागत किया है. मेटा ने एक बयान में कहा है कि जासूसी सॉफ्टवेयर के ऑपरेशन से अमेरिकी कानून का उल्लंघन हुआ है और इस अनलॉफुल ऑपरेशन के लिए उनको जिम्मेदार ठहराना होगा.
[मनीष सिंह]