परासरण : इतिहास तुमको न भुला पायेगा
कुछ व्यक्ति बड़ा करने के लिए ही पैदा होते है , और वो अपने कर्मो से इतिहास में अपनी जगह खुद बनाते है | ऐसे है पिछले चालीस साल से सतत संघर्ष करने वाले ९२...
कुछ व्यक्ति बड़ा करने के लिए ही पैदा होते है , और वो अपने कर्मो से इतिहास में अपनी जगह खुद बनाते है | ऐसे है पिछले चालीस साल से सतत संघर्ष करने वाले ९२...
कुछ व्यक्ति बड़ा करने के लिए ही पैदा होते है , और वो अपने कर्मो से इतिहास में अपनी जगह खुद बनाते है | ऐसे है पिछले चालीस साल से सतत संघर्ष करने वाले ९२ साल के युवा परशरण जी | खुद काल भी उनके कर्म से कही भय खाता होगा कि वो काल चक्र को न बदल दे , इतना पौरुष है इस व्यक्ति में | एक पीछे की पंक्ति में बैठा व्यक्ति जिसे राम के सिवा कुछ नही सूझता | सलाम है आपको और आपके साहस को जिससे हर युवा को आप जैसा बनने की सीख लेनी चाहिय |
जब सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्णय लिया कि अब अगले चालीस दिन तक लगातार सुनवाई होगी तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा कि ये परासरण जी के लिए बहुत थकाने वाला होगा | तब इस मानव रूपी संत ने कहा कि मेरी इच्छा है कि मै अपने मरने से पहले राम मंदिर का निर्माण देख सकु और इसके लिए मै हर दुःख सहने के लिए तैयार हू-
कई बार लगातार घंटो तक जिरह के बीच जिस तरह ये कोर्ट परिसर में खड़े रहे और राम मंदिर के पक्ष में जिरह किया उसमे किसी को शक नहीं होगा की बजरंग बली ने इनकी शक्ति को संभाल होगा वरना जिस उम्र में लोग खटिया पकड़ लेते है उस उम्र में लोगो को नाको चने चबाने पर मजबूर करने वाले परशरण के पीछे कोई दिव्य शक्ति होगी इसमें किसी को कोई शक नहीं होगा |
कई बार मुकदमे के दौरान जजों ने उनसे बैठने के लिए कहा पर उन्होंने बड़ी ही विनम्रता से उसे ठुकरा दिया | परशरण के उपर किताब भी लिखी जा चुकि है | उन्होंने सबरीमाला केस में भी मुकदमा लड़ा था | जब भी धर्म की बात आती है तो भारत के वकीलों को उनके पितामह परासरण की याद जरूर आती है जिन्होंने ने कहा था कि
" जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है "