मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंग न उड़ाने की अपील

  • whatsapp
  • Telegram
मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंग न उड़ाने की अपील
X

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी), मेट्रो परिचालन के प्रारंभ से ही शहरवासियों से मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंग न उड़ाने की अपील करता रहा है और साथ ही, समय-समय पर जागरूकता अभियान का आयोजन भी करता रहा है क्योंकि ऐसा करने से न सिर्फ़ मेट्रो सेवाओं में बाधा उत्पन्न होती है और मेट्रो संपत्ति को क्षति पहुंचती है बल्कि इससे पतंग उड़ाने वालों की जान को भी खतरा होता है।

पतंगबाज़ों द्वारा चाइनीज़ मांझे के इस्तेमाल की वजह से पूर्व में राहगीरों को गले और आंख में गंभीर चोट आने के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी नुकसान पहुंचने की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद इस संबंध में दाखिल एक जनहित याचिका पर कार्रवाई करते हुए नवंबर 2015 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चाइनीज़ मांझे की बिक्री पर रोक लगा दी। इसी क्रम में, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने भी कुछ समय के लिए चाइनीज़ मांझे की बिक्री पर रोक लगाई।

वैश्विक महामारी के इस कठिन समय में यूपीएमआरसी सभी शहरवासियों से सहयोग की अपेक्षा रखते हुए मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंगबाज़ी को पूरी तरह से रोकने की मुहिम में सहयोग देने और साथ ही, लॉकडाउन का पालन करते हुए घरों में सुरक्षित बने रहने की अपील करता है।

दिनांक 14.09.2020 को हुई एक हालिया घटना में, लखनऊ मेट्रो की ओएचई लाइन, चाइनीज़ मांझे की वजह से ट्रिप हो गई। मांझे की वजह से लाइन ट्रिप हुई और कुछ वक़्त के लिए बिजली की सप्लाई बाधित हुई। लखनऊ मेट्रो के स्टाफ़ ने पतंग को तार से हटाया और समस्या को सुलझाया।

यह समझना बहुत ज़रूरी है कि जब कॉरिडोर पर मेट्रो ट्रेनों का परिचालन न हो रहा हो या फिर यात्री सेवाएं बंद हों (रात 10 बजे से सुब्ह 6 बजे तक) तब भी ओवरहेड इलेक्ट्रिफ़िकेशन के तार चार्ज होते हैं और उनमें बिजली का करंट होता है।

मेट्रो की ओएचई लाइन से 25 हज़ार वोल्ट या 25 केवी के वोल्टेज की बिजली सप्लाई होती है और इसके नज़दीक पतंग उड़ाने या पतंग फंसने की वजह से, पतंग उड़ाने वाले को भी बिजली का झटका लग सकता है और यह जानलेवा हो सकता है। यूपीएमआरसी सभी लोगों से यह अपील करता है कि कृपया मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंग न उड़ाएं।

Next Story
Share it