मंदिर की नींव मजबूत हो दीर्घायु हो इसके लिए भारत के बड़े इंजीनियर प्रोफेसर वैज्ञानिक और साधु संतों ने की बैठक

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मंदिर की नींव मजबूत हो दीर्घायु हो इसके लिए भारत के बड़े इंजीनियर प्रोफेसर वैज्ञानिक और साधु संतों  ने की बैठक

मंदिर की नींव मजबूत हो दीर्घायु हो इसके लिए भारत के बड़े इंजीनियर प्रोफेसर वैज्ञानिक iit दिल्ली, गोहाटी, चेन्नई रुड़की, टाटा आदि सामूहिक विचार विमर्श में लगे हैं। ngr i हैदराबाद की टीम जमीन के200 फ़ीट गहराई तक का अध्ययन आज भी कर रही है। सरयू के अंतरंग प्रवाह का अध्ययन किया जा रहा है। मकर संक्रांति तक परिस्थितियों के आधार पर एक मजबूत दीर्घायु नींव की डिज़ाइन सामने आ जायेगी और काम शुरू हो जाएगा। वहां की परिस्थितियाँ ऐसी निकली की जमीन के अंदर 70 मिटर तक बालू है हम कह करते थे कि मंदिर अनेक बार तोड़ा गया वो सामने आ रहा है। 50- 50 मीटर तक मलबा कहाँ से आ गया सरयू का प्रवाह कभी न कभी यहां था। इससे साबित होता है कि हम सही थे। सीमेंट की आयु 150 साल के बाद खत्म हो जाती है इसलिए इसकी आयु 150 से 300 - 400 कैसे किया जाय इसपर काम हो रहा है।दूसरी बात मंदिर का प्रारूप बड़ा किया गया है अब मंदिर 360 फ़ीट लंबा 234 फ़ीट चौड़ा और ऊंचाई 161 फ़ीट 3 मंजिल होंगे। 4 लाख घन पत्थर लगेगा । जमीन से दर्शन करने जाने पर 32 सीढियां चढ़नी पड़ेंगी। दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधाओं पर विचार किया गया है। गूंगे बहारों के लिए आर्किटेक्ट अध्ययन कर रहे हैं। मंदिर के अंदर बाहर के 3d पिक्चर आप देख चुके हैं। मंदिर का परकोटा 5 एकड़ तक माना जा सकता है। शेष 65 एकड़ जमीन में क्या क्या बनेगा लिख लिया गया है। ऐसा अंदाज है कि मंदिर का निर्माण कार्य जब प्रारम्भ हो जाएगा तब 3 वर्ष में समाज की संतुष्टि लायक काम सामने आ जायेगा यानी 2023 तक। ये मंदिर हिंदुस्तान की अस्मिता राष्ट्र के गौरव का मंदिर है आने वाली पीढ़ियों के दिमाग से विदेशी आक्रांताओं को दिमाग से निकलने का काम किया जा रहा है। हिंदुस्तान के लोगों ने विदेशियों से हमेशा लड़ाई लड़ी है हमेशा लोहा लिया है। इतिहास की सच्चाई को दुनिया के सब लोग स्वीकार करें। सभी सरकारें सभी राष्ट्र अपनी आत्मताक्ष के लिए काम करते हैं। लाखों लोगों ने अपना जीवन दिया है। ट्रस्ट चाहता है कि करोड़ों लोगों की कमाई का पैसा और पैकेट मनी के एक्सपेंसिस को बचा कर निर्माण कराएं । 11 करोड़ परिवारों के साथ लगभग हिंदुस्तान की आबादी का आधा हिससा से संपर्क करेंगे। रामसेतु में जिस प्रकार गिलहरी का योगदान था उसप्रकार देश के नागरिकों का योगदान रहेगा। चाहे वे जंगल मे रहते हैं या गांव में शहर में व्यापारी हैं सभी का योगदान रहेगा। ये अभियान धन मांगने का अभियान नहीं ये समर्पण का अभियान मकर संक्रांति से शुरू करेंगे और माघ पूर्णिमा तक अभियान चलेगा। अलग अलग राज्यों प्रान्तों ने इस 42 दिनों का कालखंड निर्धारित किया है। ये काम वर्चुअल नही फिसिकल होगा। 11 करोड़ घरों में जाएमगे तो लाखों कार्यकर्ता काम करेंगे जो अपने व्यापार का समय कम करेंगे आराम का समय कम करेंगे और मेहनत के घंटे बढ़कर समरोण करेंगे। ऐसे सामाजिक योगदान से मंदिर यानी भगवान का घर बनने वाला है।

1984 से लेकर आजतक जिन्होंने योगदान किया है अर्थात आरएसएस के निष्ठावान कार्यकर्ता काम करेंगे। sbi pnb bob की 46000 ब्रांच हिंदुस्तान में है जिसमे कार्यकर्ता सीधे पैसा तत्काल जमा करेंगे ना कि किसी कार्यालय में जमा करने की बजाय। जिस क्षेत्र में जो धन मांगने जाएंगे वो उस क्षेत्र के परिचित होंगे। 10, 100 और 1000 मूल्य का कूपन बना है। 2000, 5000 10000 तक दान कर सकते हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम से बैंक में खाता खुला है। मार्च से सीधे खाते में पैसा जमा हो रहा है । अबतक 80 से 85 करोड़ रुपये ऑनलाइन आ चुके हैं।

1989 में रामजन्म भूमि न्यास शिवर्मचार्य जी ने बनाया था धन संग्रह का अभियान चला था तब सवा रुपया मांगा गया था तब 8 करोड़ 25 लाख रुपये जमा हुआ था जो भारत के बैंकों में रह और मंदिर के पत्थरों की खरीदारी नक्काशी व अन्य जरूरतों में खर्च किया गया। हमने किसी प्रकार की रैली नही की हम रैलियां निकालकर पब्लिक मीटिंग करके किसी से धन जुटाने को नहीं कहा।

मंदिर की नींव में लोहा नहीं है।मंदिर के नीचे या तो पत्थर है या प्लेन कंक्रीट या चुना है लेकिन अभी क्या होगा कैसे होगा इसमें 10 से 15 दिन लग सकते हैं। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का प्रयोग किया जाएगा। क्योंकि पत्थर की आयु के बराबर तांबे की आयु है। इसलिए तांबे की कील का भी प्रयोग किया जाएगा। सोने की ईंट अभी तक नहीं मिली है। मंदिर को चांदी नहीं चाहिए मंदिर चांदी से नहीं बैंक में जमा धनराशि से बनेगा।

काशी मथुरा पर कहा कि अच्छे समाज अच्छा बुद्धिमान वही माने जाते हैं जो एक काम पूरा करते हैं। जबतक एक मंदिर समाज को समर्पित नही करते तबतक दूसरे पर विचार नहीं।न्होंने गोलियां खाई हैं उसपर कहा कि हिंदुस्तान बलिदानियों का देश है आज परंपरा शुरू हुई है कि आज स्मारक बन रहा हैं। पिछले 70 साल से आजतक के बलिदानियों का नाम लिखा जाएगा। शास्त्र में कहा गया है ऐसे लोग सूर्य लोक में जाते हैं।

हरेक जिले में हर शहर में अखिल भारतीय स्तर की टीम बनाई गया है जो मोबिलाइजेशन और अकाउंटिंग पर काम कर रही है। इसे अभियान प्रमुख का नाम दिया गया है निधि प्रमुख नहीं।मुस्लिम से भी धन लेंगे 5 लोगों का डोनेशन है जिसमे से एक 2 लाख का चेक है। भगवान राम जिनके आदर्श हैं जो सोचते हैं कि उनका संबंध बाबर से नही है वो खुल के दान कर रहे हैं।तांबा नहीं मांगेंगे सरकार की फैक्टरियों से लेंगे । सीएम ने 11 लाख अपने पॉकेट से दिया था राष्ट्रपति ने भी कहा है अपने पास से देने के लिए। सरकार ने 1 रुपये का नोट दिया है जो SBI में सुरक्षित है।

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