महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने पर ही होगा विकास : आलोक रंजन

  • whatsapp
  • Telegram
महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने पर ही होगा विकास : आलोक रंजन
X


8 मार्च को विश्व महिला दिवस पर स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (सीमा) और भाऊराव देवरस शोधपीठ लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर श्री आलोक रंजन जी ने कहा- महिलाओं को मुख्यधारा में लाने से ही विकास होगा। 100 फ़ीसदी साक्षरता दर हो तो देश अपने आप आगे बढ़ेगा। महिलाओं की साक्षरता दर कम होने से कई दिक्कतें आती हैं। उनमें जागरूकता की कमी होती है। महिलाएं शिक्षित हों तो समाज समृद्ध होगा। लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। महिलाएं अगर शिक्षित होंगी तो जीडीपी अपने आप बढ़ेगी। कई देश इसके उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि भारत में लेबर पार्टिसिपेशन रेट में महिलाओं का योगदान काफी कम है। अगर इसमें बढ़ोतरी होती है तो देश और प्रदेश का विकास अपने आप होगा और जीडीपी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा की हाउसवाइफ के योगदान को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। उनके योगदान को भी हमें जानना होगा। आलोक रंजन ने कहा कि महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना होगा। इसमें सीमा का योगदान महत्वपूर्ण है। आज महिला दिवस के मौके पर महिलाओं का सम्मान कर मुझे गौरव का एहसास हो रहा है। सीमा सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचा रहा है इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

महिलाएं करेंगी आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार : शैलेंद्र श्रीवास्तव

इस अवसर पर सीमा के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने महिलाओं से आह्वान करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में वह सीमा से जुड़ें और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करें। महिलाएं जब आगे आएंगी तभी देश और प्रदेश उन्नति करेगा। महिलाओं को देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाना चाहिए।

महिलाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण : प्रो. सोमेश कुमार शुक्ला

भाउराव देवरस पीठ के निदेशक प्रोफेसर सोमेश कुमार शुक्ला ने कहा कि महिलाएं ही समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।एक शिशु के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा उसके सामाजिक उत्थान मानवता और संस्कृति के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समाज में समरसता सद्भावना और वसुधैव कुटुंबकम के स्वरूप को साकार करने में महिलाओं की भूमिका सबसे प्रमुख होती है। परिवार और समाज में नए नैतिकता और दायित्वों की उत्पत्ति इन्हीं के अवसर पर पल्लवित एवं पोषित की जाती है।

दिल से डर निकालना ही महिला दिवस की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी : डॉ. अनीता सहगल 'वसुंधरा'

अवार्ड ग्रहण करने पश्चात डॉ. अनीता सहगल वसुंधरा जी ने कहा- महिलाओं के दिल से डर निकालना ही महिला दिवस की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को परिवार के साथ अपने स्वास्थ्य की भी देखभाल करनी चाहिए, क्योंकि परिवार और समाज की केंद्र बिंदु वही हैं। अगर वह स्वस्थ रहेंगी तो हम साल भर महिला दिवस का उत्सव मना सकते हैं। साथ ही महिलाएं यह कभी न सोचें कि उनके अंदर किसी प्रकार की कमी है, उनको अपने अंदर छिपे टैलेंट को पहचानना होगा और समय पर उसे सबके सामने लाना चाहिए। डॉ. अनीता सहगल वसुंधरा जी ने कहा भगवान भी नारी को पूजता है। अगर देखा जाए तो सारे मजबूत विभाग महिलाओं के ही पास हैं। जैसे, विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी और शक्ति की देवी दुर्गा को माना जाता है।

Next Story
Share it