दो साल बाद मिला आरुषि को इंसाफ, तीनों आरोपियों को मिली फांसी की सजा..
. उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के बहुचर्चित आरुषि गैंगरेप और हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला आया है. केस में पॉक्सो कोर्ट ने तीनों गुनहगारों को फांसी की...

. उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के बहुचर्चित आरुषि गैंगरेप और हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला आया है. केस में पॉक्सो कोर्ट ने तीनों गुनहगारों को फांसी की...
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उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के बहुचर्चित आरुषि गैंगरेप और हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला आया है. केस में पॉक्सो कोर्ट ने तीनों गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई है. बता दें इस पूरी घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया था.
चलती कार में गैंगरेप और हत्याकांड की घटना से पुलिस के भी होश उड़ गए थे. 2 जनवरी, 2018 की शाम 7 बजे को ट्यूशन पढ़कर घर लौट रही इंटर की छात्रा का अपहरण कर गैंगरेप करने के बाद कार सवार युवकों ने उसकी हत्या कर दी
. घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारोपियों ने उसके शव को दादरी थाना क्षेत्र के एक नाले में फेंक दिया था. इस घटना को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. अब दो साल बाद नाबालिग छात्रा को अगवा कर गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है.
केस की सुनवाई के दौरान पुलिस की लापरवाही भी सामने आई और उसे अदालत से फटकार भी मिली. तत्कालीन चौकी इंचार्ज ने सील किए माल को कोर्ट में पेश नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि यह माल केस के निस्तारण के लिए अहम सबूत होता है. मामले में कोर्ट ने एसएसपी को पत्र लिखने की चेतावनी भी दी. बता दें कि तत्कालीन चौकी प्रभारी दलवीर सिंह अपने बयान दर्ज कराने कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने जब उनसे घटनास्थल पर सील किए गए माल के बारे में पूछा तो पता चला कि वह इसे लेकर ही नहीं आए हैं.
अराधना मौर्या