ये हैं आगरा के गणतंत्र के पहरुए, रक्तदान कर बचाते हैं दूसरों की जान

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तंत्र को गणतंत्र बनाने में नागरिकों का योगदान अहम होता है। ऐसे नागरिक जो न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों, बल्कि शहर और समाज के विकास के लिए भी काम करें। ताजनगरी में भी गणतंत्र के ऐसे पहरुए हैं। इनमें एनआर श्रीधर और अभिषेक शर्मा भी हैं। श्रीधर जहां 108 बार रक्त दे चुके हैं, वहीं युवा अभिषेक भी 30 बार लोगों की जान बचा चुके हैं।

शमसाबाद रोड निवासी एनआर श्रीधर ने बताया कि पहली बार उन्होंने रक्तदान 19 साल की उम्र 1989 में किया। अखबार में रक्त की आवश्यकता का इश्तहार छपा था। मैंने अखबार पढ़ा और रक्तदान किया। मरीज के परिजन मेरे आगे हाथ जोड़कर खड़े हो गए।

तब से रक्त की महिमा जानी, उस वक्त तो रक्तदान करने के लिए इक्का दुक्का ही लोग आते थे। अधिकांश ब्लड बैंकों में उनका नंबर दर्ज है और कई संस्थाओं की ओर से सम्मानित भी हो चुके हैं। जज कंपाउंड में रहने वाले अभिषेक शर्मा ने बताया कि उनका ओ-निगेटिप ग्रुप है और रक्तदान अभियान चलाने वाले रोहित अग्रवाल अधिवक्ता उनके मित्र हैं, उनसे प्रभावित होकर उन्होंने रक्तदान करने का निर्णय लिया। जब भी किसी गर्भवती महिला, ऑपरेशन कराने वाले समेत अन्य को रक्त की जरूरत पड़ती तो वह उन्हें फोन कर देते। उन्होंने प्लेटलेट्स भी दान किए हैं। किसी की जान बचाने से बड़ा पुण्य और मानव सेवा कोई नहीं हो सकती।

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