विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए.........

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विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए.........

Aarti: भैया दूज के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोचार के बीच केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इससे पहले सोमवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए थे और मंगलवार को गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में विराजमान हो गई हैं।

अब आगामी 6 महीने तक बाबा केदारनाथ के दर्शन शीतकालीन गद्दी स्थल उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर और यमुना के दर्शन उत्तरकाशी जिले के खरसानी में किए जाएंगे| बता दें कि इस बार रिकॉर्ड से ज्यादा 10 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे थे|केदारनाथ के मुख्य पुजारी ने केदारधाम मे कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रातः 3:00 बजे शुरू कर दी थी|

पूजा अर्चना के साथ 6:30 बजे उत्सव डोली को गर्भ गृह से बाहर निकाला गया और गर्भ ग्रह के कपाट बंद कर दिए गए लगभग 2 घंटे तक उत्सव डोली को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया था| इसके बाद ठीक 8:30 बजे मंदिर के मुख्य कपाट बंद कर दिए गए|

बाबा केदार के जयकारों के साथ सेना के बैंड की धुन पर उत्सव ढूंढी अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हुई इस अवसर पर धाम में करीब डेढ़ हजार श्रद्धालु उपस्थित थे रामपुर में रात्रि विश्राम के बाद उत्सव डोली 30 अक्टूबर को गुप्तकाशी और 31 अक्टूबर को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी|

दूसरी ओर उत्तरकाशी स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर बाद बंद कर दिए गए शनिदेव की अगुवाई में यमुना की डोरी शीतकालीन प्रवास स्थल खली पहुंची श्रद्धालु मां के दर्शन करेंगे |उत्तराखंड में इस बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं के भारी भीड़ की वजह से श्री बद्री केदार मंदिर समिति में भी उत्साह रहा।

समिति ने 16 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्राप्त हुई है ।रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि वर्ष 2013 में आए सैलाब के बाद यहां व्यापारियों और आम जनता में मायूसी का आलम था।

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