महान कवयित्री महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च के दिन 1907 में हुआ था
मैं नीर भरी दुःख की बदली विस्तृत नभ का कोई कोना मेरा कभी न अपना होना परिचय इतना इतिहास यही उमड़ी कल थी मिट आज चली
महिलाओं की मुक्ति का फूंका बिगुल
स्कूल के दौरान ही महादेवी वर्मा ने 'Sketches from My Past' नाम से कहानियां लिखीं, जिसमें उन सहेलियों और उनकी तकलीफों का जिक्र था.
ज्ञानपीठ और पद्म भूषण समेत कई सम्मानों से नवाजी गईं.
1956 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया. 1969 में विक्रम विश्वविद्यालय ने उन्हें डी लिट की उपाधि दी.
सन्यासिनी का गुजारा जीवन
महादेवी वर्मा का 1916 में विवाह बरेली के पास नवाबगंज कस्बे के निवासी वरुण नारायण वर्मा से हुआ। उनकी विवाहित जीवन से विरक्ति थी। वह एक संन्यासिनी का जीवन गुजारती थीं। उन्होंने पूरी जिंदगी सफेद कपड़े पहने।
गूगल ने लोकप्रिय कवयित्री महादेवी वर्मा को खास डूडल से किया याद.
जिसमें महादेवी वर्मा पेड़ की छांव में कुछ लिखते हुए नजर आ रही हैं.