ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी की पुण्यतिथि पर विशेष

अपने जमाने की सुपरस्टार मीना कुमारी का आज पुण्यतिथि है, उनका असली नाम महजबीं बानो था। मीना कुमारी का बचपन से लेकर जवानी दुखों से भरा रहा इसलिए इन्हें ट्रेजडी क्वीन भी कहा जाने लगा।
मीना कुमारी का फलसफा
टुकड़े टुकड़े दिन बीता, धज्जी धज्जी रात मिली, जिसका जितना आंचल था, उतनी ही सौगात मिली।' यह फलसफा दिग्गज अभिनेत्री मीना कुमारी की उन्हीं की जुबानी है।
मीना कुमारी को अनाथालय की सीढ़ियों पर छोड़ आये थे पिता
बेटियों के जन्म लेने के बाद उनके पिता इस बात की दुआ कर रहे थे कि इस बार बेटे का मुंह दिखा दे। तभी बेटी होने पर उन्होंने उन्हें अनाथ आश्रम की सिकियो पर छोड़ दिया।
पर्सनल लाइफ
मीना को पैदा होते ही पिता का पत्थरदिल रवैया, करियर के मुकाम पर महबूब की बेवफाई और पति की अग्निपरीक्षा नसीब हुई। पुरुष के प्रत्येक रूप ने उनके दिल को तार तार ही किया।
मीना कुमारी को नहीं पहचान पाए थे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री
हिंदी सिनेमा का वो दौर जब मीना कुमारी का नाम देश में हर किसी की ज़ुबान पर था। लेकिन ऐसे चमकते सितारे को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री पहचान भी नहीं पाए थे। पत्रकार कुलदीप नैयर ने अपनी किताब 'On Leaders And Icons: From Jinnah To Modi' में इस कहानी को बया किया है.
31 मार्च 1972 को मीना कुमारी का निधन हो गया था
हिंदी सिनेमा के इस चमकते सितारे ने 31 मार्च 1972 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।