१८५७ की क्रांति की चिंगारी बने मंगल पांडेय

मंगल पांडे ने अपने शौर्य और साहस से 1857 में क्रांति का बिगुल फूंककर देशवासियों में विदेशी शासन के विरुद्ध लड़ने का विश्वास जगाया। उनके सर्वोच्च बलिदान ने पूरे देश को झंकझोर दिया और आजादी की एक मजबूत नींव पड़ी। "अमित शाह"
देशवासियों में विदेशी शासन के विरुद्ध लड़ने का विश्वास जगाया
मंगल पांडे ने अपने शौर्य और साहस से 1857 में क्रांति का बिगुल फूंककर देशवासियों में विदेशी शासन के विरुद्ध लड़ने का विश्वास जगाया। उनके सर्वोच्च बलिदान ने पूरे देश को झंकझोर दिया और आजादी की एक मजबूत नींव पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगल पांडेय को दी श्रद्धांजलि
The great Mangal Pandey is synonymous with courage and determination. He ignited the spark of patriotism at a very critical period of our history and inspired countless people. Remembering him on his birth anniversary. Had paid tributes to his statue in Meerut earlier this year.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगल पांडेय को याद कर दी श्रद्धांजलि
भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अग्रदूत, कुशल संगठनकर्ता, अपने अतुल्य बलिदान से सम्पूर्ण राष्ट्र में स्वाधीनता की अलख जगाने वाले महान क्रांतिवीर मंगल पांडे की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।