कोरोना के समय में परीक्षा कराने का निर्णय कहीं इसके पुरे प्रदेश में विकराल रूप धारण करने का कारण न बन जाए \ जिन लोगो ने भी मुख्यमंत्री को ये सलाह दी होगी और जो भी लोग इसके पीछे है वो प्रदेश का भला तो नहीं चाहते होंगे \
जिस समय पुरे प्रदेश में कोरोना का मीटर हर रिकॉर्ड को ब्रेक कर रहा है वहा पर बिना पूरी तैयारी के अधूरे मन से परीक्षा कराना राज्य के हित में तो नहीं है और जिन अफसरों की भूमिका रही है वो जरुर कोरोना को पूरी तरह समझ नहीं पाए है \
एक दशक लगता है व्यवस्था बनाने में और कुछ छड़ लगते है उसे मिटाने में , शायद यही चल रहा है यूपी में जहाँ मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना पर नियंत्रण पाने में काफी प्रशंसा हासिल की थी अब उनके ही अफसर और शिक्षा विभाग उसपर बट्टा लगाने का काम कर रहा है \
अगर आपको परीक्षा करानी थी तो युद्ध स्तर पर सुविधा का भी निर्माण करना चाहिए था और लोगो के साथ इस प्रदेश की सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए था \ पर अब अगर इनमे से कुछ हजार भी कोरोना पॉजिटिव हो गए तो वो कितने बड़े समूह को संक्रमित करेंगे ये आगे चल कर पता चलेगा \