एनपीएस इकोसिस्टम के प्रमुख हितधारक आज एनपीएस मध्यस्थ संघ (एएनआई) के लॉन्च में साथ आए
एनपीएस मध्यस्थ संघ (एएनआई) को आज मुंबई के भारतीय बीमा संस्थान में आयोजित "सिक्योरिंग टुमॉरो, विद पेंशन" नामक सम्मेलन में आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया। इस अवसर पर, पीएफआरडीए के अध्यक्ष डॉ. दीपक मोहंती ने संघ के लोगो का भी अनावरण किया। यह ऐतिहासिक पहल भारत के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सेवानिवृत्ति योजना उपकरण के रूप में सहयोग को बढ़ावा देने, ग्राहक कल्याण को सुदृढ़ करने और एनपीएस की निरंतर वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) इकोसिस्टम के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाती है।
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के सचिव ने इस अवसर पर डिजिटल आधार पर प्रमुख भाषण दिया। डीएफएस सचिव ने एनपीएस मध्यस्थों के नवगठित संघ को बधाई दी। इस बात पर जोर दिया गया कि, बदलती जनसांख्यिकी, तेजी से शहरीकरण और पारिवारिक संरचना में बदलाव के साथ, किसी व्यक्ति की ओर से पेंशन उत्पाद के लिए शीघ्र योजना बनाना एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इस संबंध में, उन्होंने नवगठित संघ से वकालत करने का आग्रह किया। संघ को आश्वासन दिया गया कि उनकी किसी भी प्रतिक्रिया पर अत्यंत सावधानी और तत्परता के साथ काम किया जाएगा।
सम्मेलन में बोलते हुए, पीएफआरडीए अध्यक्ष डॉ. दीपक मोहंती ने जोर देकर कहा, "एनपीएस मध्यस्थ संघ का शुभारंभ पेंशन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मेरा विश्वास है कि यह पेंशन कवरेज का विस्तार करने के लिए जागरूकता पैदा करने में हमारे प्रयासों को भारत में सामूहिक प्रयासों और फीडबैक तंत्र के माध्यम से अधिक सुदृढ़ और दोगुना कर देगा। संघ अपने कार्य का नेतृत्व करने के साथ, अपने सदस्यों और नियामकों के मार्गदर्शन के साथ, वित्तीय सुरक्षा का एक वैश्विक सूचकांक बनेगा”।
डॉ. मोहंती ने कहा, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) ने हाल के सालों में शानदार बढ़ोतरी देखी है, जिसने खुद को भारत में दीर्घकालिक सेवानिवृत्ति योजना के लिए आधारशिला के रूप में स्थापित किया है। एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 13.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के साथ, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) और एनपीएस दोनों, जिनका कुल ग्राहक आधार 8 करोड़ है, सबसे कुशल, कर-लाभकारी और कम लागत वाली सेवानिवृत्ति समाधानों में से एक के रूप में आज उभरा है। उन्होंने जोड़ा, यह उल्लेखनीय बढ़ोतरी पेंशन योजनाओं की बढ़ती स्वीकार्यता और भारत की कामकाजी आबादी के भविष्य को सुरक्षित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
डॉ. मोहंती ने यह भी कहा कि बढ़ती जागरूकता, पीएफआरडीए और एनपीएस ट्रस्ट के जरिए सरकारी पहल और मध्यस्थों के एक मजबूत नेटवर्क के समर्थन से एनपीएस इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। सिस्टम के लचीलेपन, पारदर्शिता और निवेशकों की एक विस्तृत श्रृंखला - वेतनभोगी कर्मचारियों से लेकर स्व-उद्यमी लोगों तक - को पूरा करने की क्षमता ने इसे देश भर में सेवानिवृत्ति योजना के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना दिया है। ग्राहकों की लगातार बढ़ोतरी और बढ़ती संपत्ति, एनपीएस को एक विश्वसनीय सेवानिवृत्ति उत्पाद के रूप में भारतीय नागरिकों के विश्वास को दर्शाती है, पीएफआरडीए अध्यक्ष ने कहा।
एएनआई की ओर से निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बोलते हुए, डॉ. मोहंती ने कहा, जैसे-जैसे एनपीएस इकोसिस्टम विकसित होता है, एनपीएस मध्यस्थों के संघ का गठन एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह संघ पेंशन फंड प्रबंधकों सहित कई हितधारकों को एकजुट करता है।
“सिक्योरिंग टुमौरो, विद पेंशन” शीर्षक वाले सम्मेलन में भारतीय जीवन बीमा निगम के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ मोहंती का एक अंतर्दृष्टि से भरा भाषण था, जिन्होंने भारत में वित्तीय क्षेत्र के विकास में बढ़ी हुई पेंशन परिसंपत्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया। भारतीय स्टेट बैंक के एमडी श्री राम मोहन राव अमारा और एक्सिस बैंक लिमिटेड के एमडी व सीईओ श्री अमिताभ चौधरी ने एनपीएस को अपनाने और विकास को आगे बढ़ाने में वित्तीय संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपना नजरिया साझा किया। ईपीएफओ में अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त श्री अनिमेष मिश्र ने भी सम्मेलन को संबोधित किया और स्थायी पेंशन की आवश्यकता के बारे में वकालत की कमी पर जोर दिया और कहा कि केवल ईपीएफ का होना वांछित प्रतिस्थापन दर तक पहुंचने के लिए काफी नहीं होगा।
सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ, पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य (वित्त) प्रोफेसर (डॉ.) मनोज आनंद की ओर से संचालित "विकसित भारत@2047 में पेंशन सोसायटी" पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई। संचालन के दौरान, पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य (वित्त) प्रोफेसर (डॉ.) मनोज आनंद ने अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रिया में ईएसजी पर केंद्रित लंबी अवधि, वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता और दीर्घकालिक संपोषित निवेश विकल्पों पर प्रकाश डाला। डीएफएस के संयुक्त सचिव श्री पंकज शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार पैठ बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही है और युवा पीढ़ी को पेंशन हेतु बचत के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। ह्यूमन रिसोर्सेज की थॉट लीडर डॉ. ऋतु आनंद ने कहा कि कॉरपोरेट्स के शीर्ष प्रबंधन से लेकर एनपीएस को शुरू करने के लिए एचआर समुदाय को बहुत काम करना होगा। वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार ने उल्लेख किया कि पेंशन फंड को उत्पाद के लंबे निवेश के विचार को ध्यान में रखते हुए लंबी अवधि के लिए निवेश प्रावधान करने का लक्ष्य रखना चाहिए। डेलॉयट हैस्किंस एंड सेल्स की सदस्य श्रीमती बहरोज कामदीन ने बताया कि एनपीएस एक कर कुशल उत्पाद है और साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि निवेश अच्छे रिटर्न के साथ सुरक्षित हो। आईआईटी बॉम्बे में एसजेएम स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के प्रमुख प्रोफेसर एस.वी.डी. नागेश्वर राव ने उल्लेख किया कि समाज में पेंशन की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय साक्षरता सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
एनपीएस मध्यस्थ संघ (एएनआई) के बारे में
एनपीएस मध्यस्थ संघ, एनपीएस इकोसिस्टम में सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक सामूहिक मंच है। यह प्रणाली की प्रभाव को बेहतर करने, ग्राहक कल्याण को सुदृढ़ करने और भारत में सेवानिवृत्ति योजना के भविष्य को आकार देने के लिए नीति निर्माताओं के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। एएनआई हितधारक मौजूदगी के बिंदु (बैंक और नॉन-बैंक), केंद्रीय रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसियां, ट्रस्टी बैंक, संरक्षक, एग्रीगेटर्स, वार्षिकी सेवा प्रदाता, पेंशन एजेंट, सेवानिवृत्ति सलाहकार और अन्य उद्योग भागीदार हैं।
संघ के प्राथमिक उद्देश्य हैं:
एनपीएस का एक भरोसेमंद, लचीले और कर-कुशल सेवानिवृत्ति उत्पाद के रूप में प्रचार करें।
प्रणाली के भीतर सुचारू और पारदर्शी प्रक्रियाएं सुनिश्चित करके ग्राहक कल्याण पर ध्यान केंद्रित करें।
एनपीएस ढांचे में सुधार करने और भारत में पेंशन बाजार को विकसित करने में योगदान देने के लिए नियामकों और नीति निर्माताओं के साथ सहयोग करें।