झारखंड में जीपीएस से होगी कोरोना संदिग्धों की ट्रैकिंग, कोई पॉजिटिव केस मिलने पर तुरंत काम करेगी क्यूआरटी

Update: 2020-04-07 19:18 GMT

झारखंड की हेमंत सरकार पूरी शिद्दत से कोरोना को हारने में जुटी हुई है। राज्य सरकार की बड़ी चिंता अब कोरोना संदिग्धों का संपर्क दूसरे व्यक्तियों से तोड़ने की है। इसके लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं। होम क्वैराटाइंन में रहने वाले सभी कोरोना संदिग्धों का जियो लोकेशन प्राप्त किया जा रहा है। साथ ही 1 से 23 मार्च तक हवाई यात्रा करने वाले हर यात्री को थाने में अपनी सूचना देना अनिवार्य किया गया है। अब तक कुछ लोगों को डीसी ने इस आशय के आदेश भी जारी कर दिए हैं।

जीपीएस से होगी कोरोना संदिग्धों की ट्रैकिंग :

जीपीएस से ट्रैकिंग करने के लिए विशेष शाखा को डेजीगनेटेड एजेंसी बनाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा जा रहा है। राज्य में होम क्वरैटाइंन में रहने वाले लोग घरों में रहें, इसके लिए झारखंड स्टेट एप्लीकेशन सेंटर के आईटी अप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। यह निर्णय कोरोना नियंत्रण के लिए गठित पब्लिक हेल्थ सर्विलांस टास्क फोर्स की बैठक में लिया गया है। बताते चलें कि राज्य में अभी करीब 1।40 लाख लोग होम क्वैरटाइंन में हैं। बाहर के राज्यों से आए इन लोगों के जिला सर्विलांस कमेटी नजर रख रही है।

पॉजिटिव केस मिलने पर तुरंत काम करेगी क्यूआरटी :

क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया जा रहा है, जो कोरोना कंफर्म केस के साथ-उसके निकटतम संपर्क के व्यक्तियों पर भी आवश्यक कार्रवाई करने में सक्षम होगी। राज्य की सभी जिलों में ऐसी 50 टीमें बनेंगी। क्यूआरटी होम क्वारेंटाइन के लोगों की निगरानी और दंडात्मक कार्रवाई भी करेगी।

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