पश्चिम एशिया में तनाव खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इजराइल ने शुक्रवार को ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर व्यापक हमले किए। राजधानी तेहरान समेत कई रणनीतिक स्थानों को निशाना बनाया गया। इजराइल ने कहा कि उसने तेहरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए अपने अभियान की शुरुआत की।
इस बीच, ईरान ने पुष्टि की है कि इन हमलों में उसकी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कई शीर्ष सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, जिससे तेहरान की रक्षा और परमाणु कमान को गहरा झटका लगा है। आईडीएफ ने दावा किया है कि उसने तेहरान पर किए गए व्यापक हवाई हमलों में ईरान के तीन सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडरों को मार गिराया है, जिसमें ईरानी सशस्त्र बल के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद हुसैन बाघेरी, इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर हुसैन सलामी, खातम अल-अनबिया के कमांडर गोलाम अली राशिद, कमांडर शामिल है।
आईडीएफ ने दावा किया है कि यह कार्रवाई ऑपरेशन "Rising Lion" के तहत अंजाम दी गई। हमला नतंज और खोंडाब जैसे संवेदनशील परमाणु प्रतिष्ठानों पर भी हुआ। इजराइली सेना ने दावा किया है कि ईरान ने हमलों के तुरंत बाद करीब 100 सशस्त्र ड्रोन इजराइल की ओर दागे, जिसमें उसने अधिकांश ड्रोन को इंटरसेप्ट कर लिया। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इसे "जघन्य अपराध" बताया और कहा कि इजराइल को "कठोर सजा" के लिए तैयार रहना चाहिए।
जबकि दूसरी तरफ इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि हम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे। यह सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक हमारे लोग सुरक्षित नहीं हो जाते। वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि इन हमलों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है। साथ ही ईरान को चेताया कि वह क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों को निशाना न बनाए।