गाजा युद्ध पर बातचीत का एक और दौर समाप्त, हमास की टीम समझौते पर नेतृत्व के साथ परामर्श करेगी
गाजा युद्ध पर अप्रत्यक्ष बातचीत का एक और दौर रविवार को मिस्र की राजधानी काहिरा में समाप्त हो गया। इसके बाद हमास के प्रतिनिधि अपने नेतृत्व से परामर्श के लिए कतर जाने वाले हैं।
हमास प्रतिनिधिमंडल ने मध्यस्थों के प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया दी थी और मिस्र व कतर के प्रतिनिधियों के साथ उन पर चर्चा की थी। संगठन के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने रविवार शाम को काहिरा छोड़ने और कतर में संगठन के नेताओं से परामर्श करने की योजना बनाई है।
गाजा में महीनों से चल रहे संघर्ष का हल निकालने के लिए बातचीत का नया दौर शनिवार को शुरू हुआ था। इजरायल ने कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा था। दरअसल, सरकार इंतजार करना और यह देखना चाहती थी कि क्या हमास मध्यस्थों के लेटेस्ट प्रस्ताव को स्वीकार करेगा, जिसमें अमेरिका भी शामिल है।
इसमें इजरायल और हमास के बीच एक बहु-स्तरीय समझौते की परिकल्पना की गई है। जिसमें गाजा में बंद शेष इजरायली बंधकों की रिहाई हो, इजरायली जेलों से फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई हो और गाजा में युद्ध समाप्त हो।
नवंबर में एक संक्षिप्त युद्धविराम के बाद संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत महीनों से रुकी हुई है, जिसमें प्रगति की कमी के लिए इजरायल और हमास को दोषी ठहराया गया है।
हमास ने रविवार को एक बयान में इस बात पर जोर दिया कि वह बातचीत सकारात्मक भावना और जिम्मेदारी से कर रहा है।
वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को फिर से अपना रुख दोहराया। उनका कहना है कि देश गाजा में युद्ध तब तक जारी रखेगा जब तक कि उसके सभी उद्देश्य हासिल नहीं हो जाते। अस्थायी युद्धविराम पर रुकी हुई बातचीत के लिए हमास को फिर से जिम्मेदार ठहराया।
पीएम ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हमास की मांगों के आगे झुकना इजराइल के लिए एक भयानक हार होगी। यह हमारे दोस्तों और हमारे दुश्मनों के सामने भयानक कमजोरी प्रदर्शित करेगा।
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम नेतन्याहू से बातचीत जारी रखने का आह्वान किया।
रिपोर्टों के अनुसार, रविवार को एक फोन कॉल में राष्ट्रपति ने इजरायली प्रधानमंत्री को बातचीत को अच्छे परिणाम तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे क्षेत्र में तनाव कम हो सकता है।
मैक्रों ने कथित तौर पर इस बात पर भी जोर दिया कि फ्रांस की प्राथमिकता सभी बंधकों की रिहाई है। फ्रांस चल रही बातचीत का पूरा समर्थन करता है।