कोरोना काल में परीक्षा, शिक्षक संघ ने की बी एड परीक्षा को स्थगित करने की मांग

Update: 2020-08-07 13:42 GMT

कोरोना वैश्विक महामारी ,भारत में इसके बढ़ते खतरे तथा वर्तमान में उत्तर प्रदेश मे बेलगाम कोरोना कहर से आप स्वयं अवगत है । कोरोना उत्तर प्रदेश में नित नये रिकॉर्ड बना रहा है । 9 अगस्त 2020 को राज्य स्तरीय बी एड की परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है । इस परीक्षा में कुल लगभग 4.50 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है, जिनमे आधी संख्या महिला अभ्यर्थियों की है ।

इन अभ्यर्थियों के अतिरिक्त परीक्षा केंद्रों पर छोड़ने के लिए लगभग इतने ही अभिवावक भी आएंगे ,कुछ महिलाओं के छोटे छोटे दुधमुंहे बच्चे भी होंगे । सामान्यतया बी एड मध्यम वर्गीय या अति मध्यम वर्गीय परिवार के ही छात्र करते है स्वाभाविक है उनके द्वारा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही प्रयोग किया जायेगा ।

पूरे देश के किसी भी विश्वविद्यालय में स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा नही हुई है तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार सितम्बर माह के तक कराये जाने के निर्देश दिये गए हैं । 31 अगस्त 2020 तक भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थान बन्द रहेंगे ।

यदि परिस्थितयां अनुकूल रही तो माह सितम्बर में स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित होगी तथा परीक्षा परिणाम अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में आ पायेगा । जब तक स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा का परिणाम नही आ जायेगा तब तक बी एड के प्रवेश की प्रक्रिया का कोई कार्य शुरू नही हो पायेगा,अर्थात अक्टूबर 2020 से पहले बी एड प्रवेश का कोई कार्य शुरू नही होगा तथा 9 अगस्त की परीक्षा का कोई मतलब नहीं होगा ।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बी एड की परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी लखनऊ विश्वविद्यालय को दी गई है, यह विश्वविद्यालय का दायित्व है कि राज्य सरकार को समस्त सही तथ्यों से अवगत कराएं, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा राज्य सरकार को गुमराह किया गया है तथा इस तथ्य से अवगत नही कराया गया कि जब तक स्नातक स्तर के अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित नही हो जाता तब तक इस प्रवेश परीक्षा का कोई लाभ नही है ,पूर्व में भी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य सरकार के निर्देश के विपरीत विश्वविद्यालय की परीक्षा 1 मॉर्च से न कराकर 16 मॉर्च से कराये जाने का निर्णय लिया गया था ।

लगभग 10 लाख लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए बाध्य किया जाना कॅरोना को निमंत्रण देना है । इसके अतिरिक्त आपके संज्ञान में लाना है कि नव युग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या महोदया द्वारा अवगत कराया गया है कि अपने नजदीकी रिश्तेदार के कोरोना पॉजिटिव होने एव उनके संपर्क में आने के कारण आइसोलेशन मे है उन्होंने अपने सभी शिक्षिकाओं तथा गैर शैक्षणिक कर्मिको के साथ बैठक की है ,कोरोना के प्रोटोकॉल के अनुसार सभी को आइसोलेशन मे जाना चाहिए ऐसा ही प्रदेश के अन्य किसी भाग में होगा तो अचानक कैसे व्यवस्था होगी ।

इसके अतिरिक्त ऐसे अभ्यर्थियों को भी परीक्षा मे शामिल होने की अनुमति प्रदान की जा रही है जिन्हें बुखार है,इन्हें अलग बैठाने के निर्देश दिए गए हैं । सीमित संसाधनों के मध्य इन छात्रों के मध्य ड्यूटी कौन करेगा । शिक्षकों को तो कोई चिकित्सीय सुबिधा भी उपलब्ध नहीं है,यदि कोई शिक्षक कोरोना की चपेट में आ जाय तो उसका पूरा परिवार सड़क पर आ जायेगा ।

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