लखनऊ की आबोहवा लगातार खराब हो रही है और एयर क्वालिटी इंडेक्स यह 300 के पार पहुंच गया है और इस कारण लखनऊ दिल्ली से बराबरी की ओर ही नहीं है बल्कि सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की श्रेणी में नंबर एक पर आने की होड़ में लगा हुआ है।
प्रदुषण के बारे में राज्य स्तर का रवैया निराशाजनक ही है ना तो लखनऊ में पानी का छिड़काव हो रहा है ना ही सड़कों पर जो मिट्टी पटी हुई है उसको हटाने का प्रयास किया जा रहा है।क्योंकि ज्यादातर इलाकों में सड़कों का बुरा हाल है जिसके कारण गाड़ियों के चलने से मिट्टी उड़ती रहती है और वह प्रदूषण में इजाफा कर रहे हैं।
लखनऊ कानपुर कंट्रोल में किया जा सकता है और जरूरत है कि राज्य सरकार के अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करें नगर निगम कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है लखनऊ सहित राज्य में डेंगू का कहर बढ़ा हुआ है ।
बीमारियों से बचाने और प्रदूषण से निपटने के लिए शत-शत योजना की जरूरत है जिसमें राज्य को सिलसिलेवार काम करना पड़ेगा।राज्य के कर्मचारी अभी भी नहीं चाहते और प्रशासन इसी तरह बहरा बना रहा तो वह दिन दूर नहीं जब लखनऊ भारत में नंबर 1 होगा प्रदूषण के लिए |